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Assam Village With No Road: भारत का एक ऐसा गांव जहां रहता है अकेला परिवार, जानें क्या है वजह

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Assam Village With No Road: भारत विविधताओं का देश है. यहां आपको हर राज्य में ऐसा कुछ अनोखा मिल जाएगा, जो इस देश के प्रति आपका नजरिया ही बदलकर रख देगा. कहीं आपको बेहद घनी आबादी नजर आ जाएगी तो कहीं उजाड़ और वीरान इलाके भी दिख जाएंगे. इन सबके बावजूद ये देश अपने में बेहद खास है.

 

बिना सड़कों का गांव

 

आज हम आपको भारत के एक अनोखे गांव (1 Family in village) के बारे में बताने जा रहे हैं. इस गांव की खासियत ये है कि यहां सड़कें नहीं हैं, और इस गांव (Assam village with no road) में सिर्फ 1 परिवार रहता है.

असम का एक ऐसा गांव जहां रहता है सिर्फ एक परिवार!

इस गांव का नाम है बर्धनारा

भारत के इस गांव का नाम है बर्धनारा नंबर-2 (No 2 Bardhanara). इसी नाम का एक और गांव है जिसका नाम बर्धनारा नंबर-1 है. आपको बता दें कि ये गांव (1 family live in Assam Village) असम के नालबारी (Nalbari) जिले में आता है. कई सालों पहले असम के एक मुख्यमंत्री ने गांव में एक सड़क का उद्घाटन किया था पर अब वो सड़क टूट चुकी है, उसका नाम-ओ-निशान नहीं है. यही एक सड़क, गांव को मुख्य शहर से जोड़ने का काम करती थी. मगर अब सिर्फ कच्ची सड़कें मौजूद हैं.

गांव में हैं सिर्फ 1 परिवार


कई दशकों पहले इस गांव में काफी लोग रहा करते थे. पर साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक नंबर-2 बर्धनारा गांव में सिर्फ 16 लोग रह गए थे. पर अब तो ये संख्या और भी ज्यादा कम हो गई है. टाइम्स ऑफ इंडिया और एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार इस गांव में अब सिर्फ 1 ही परिवार रहता है जिसमें 5 सदस्य हैं.

लोग यहां से इस वजह से चले गए क्योंकि यहां सड़कें नहीं थीं और बारिश के दिनों में लोगों को काफी असुविधा होती है. आज भी इस गांव में रह रहे परिवार को नाव की मदद से बारिश के दिनों में यात्रा करनी पड़ती है.

बारिश में यात्रा करना हो जाता है मुश्किल


परिवार के मुखिया का नाम बिमल डेका है वहीं उनकी पत्नी अनीमा, और उनके तीन बच्चे नरेन, दिपाली, और सियुती इस गांव में रहती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक बिमल डेका के बच्चों ने बताया कि उन्हें स्कूल जाने के लिए कीचड़ से भरे रास्ते पर 2 किमी. तक पैदल चलकर जाना पड़ता है. बारिश में वो नाव से ही यात्रा करते हैं.

अपने तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा

इतनी दुर्गम परिस्थितियों में रहने के बावजूद बिमल ने अपने तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा दी है. दिपाली और नरेन स्नातक कर चुके हैं वहीं वहीं सियुती 12वीं में है. उनका कहना है कि नगर निगम और गांव पंचायत उस इलाके का ध्यान ही नहीं रखते हैं. इस वजह से गांव की स्थिति बिगड़ गई है. बिष्णुराम मेधी ने कुछ सालों पहले सड़क का उद्घाटन किया था. पर वो अब खराब हो चुकी है. इस वजह से लोगों को बहुत समस्या होती है.

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