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IAS IPS Success Story: वो 4 IAS IPS अफसर जो स्कूल-कॉलेज में हो गए थे फेल, जानिए इनकी कामयाबी की धांसू स्‍ट्रैटजी

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 भारत की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करना हर किसी का ख्वाब होता है। यह परीक्षा आईएएस व आईपीएस सरीखे बड़े अफसर बनाती है। कई बार युवा स्कूल-कॉलेज में मिली असफलता की वजह सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा तक नहीं लेते हैं जबकि UPSC की CSE कड़ी मेहनत के साथ-साथ मजबूत इरादों से पास की जाती है।

मेहनत करना छोड़ने की बजाय इन्होंने बड़ा लक्ष्य तय किया

आज हम आपको ऐसे ही चार शख्स आईएएस अंजू शर्मा, कुमार अनुराग, रुकमणि रियार व आईपीएस मनोज शर्मा से मिलवाते हैं जो वर्तमान में IPS या IAS के रूप में सेवाएं दे रहे हैं, मगर स्कूल-कॉलेज के दिनों में ये फेल हो गए थे। अपनी अफसलता से मायूस होकर मेहनत करना छोड़ने की बजाय इन्होंने बड़ा लक्ष्य तय किया और यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली।
 

 1. अंजू शर्मा, आईएएस गुजरात कैडर

मूलरूप से राजस्थान के जयपुर की रहने वालीं अंजू शर्मा गुजरात कैडर की सीनियर आईएएस अधिकारी हैं। इन्होंने साल 1991 में सहायक कलेक्टर, राजकोट के रूप में अपना करियर शुरू किया था।

वर्तमान में प्रमुख सचिव, उच्च और तकनीकी शिक्षा गुजरात के पद पर तैनात अंजू शर्मा कक्षा 12 में अर्थशास्त्र के पेपर में फेल हो गई थीं।

इसके बाद जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय से बीएससी और एमबीए पूरा किया। दोनों में गोल्ड मेडल विजेता रहीं और बाद में यूपीएससी तक पास कर डाली।

अंजू कहती हैं कि उनकी स्‍ट्रैटजी ये थी कि वे हमेशा पहले पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से पूरा करने की कोशिश करती और किसी भी एग्जाम से पहले पढ़ाई नहीं करती बल्कि रेस्ट करती और घूमती थीं।

2. कुमार अनुराग, आईएएस, बिहार कैडर

2018 बैच के आईएएस अधिकारी कुमार अनुराग मूलरूप से बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं। वर्तमान में नालंदा में एसडीएम के पद पर सेवाएं दे रहे हैं।

आईएएस कुमार अनुराग वो शख्स हैं, जिन्होंने दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की है। साल 2017 में इन्होंने 677 और साल 2018 में 48वीं रैंक हासिल हुई।

अनुराग की 8वीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से हुई। इसके बाद उन्हें अंग्रेजी मीडियम स्कूल में एडमिशन लिया तो काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

ये ग्रेजुएशन में कई सब्जेक्ट में फेल हो गए। फिर भी हौसला नहीं खोया और न केवल पोस्ट ग्रेजुएशन किया बल्कि आईएएस अफसर भी बने।

कुमार अनुराग कहते हैं कि अपने पिछले एजुकेशन बैकग्राउंड को छोड़कर नए सिरे से यूपीएससी की तैयारी शुरू करनी चाहिए। तैयारी के दौरान जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए और एक- एक टॉपिक को बेहद बेहद गहराई के साथ पढ़ना चाहिए।

 3. रुकमणी रियार, आईएएस राजस्थान कैडर

आईएएस रुकमणी रियार ​राजस्थान के श्रीगंगानगर की जिला कलेक्टर हैं। ये मूलरूप पंजाब के चंडीगढ़ की हैं। ​इनके पिता ब​लजिंदर सिंह रियार पंजाब के होशियारपुर में डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रहे हैं।

रुकमणी रियार ने अमृतसर के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन व टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में सोशल एंटरप्रेन्योरशिप में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। प्लैनिंग कमिशन ऑफ इंडिया में इंटर्नशिप करने वाली रुकमणी रियार मैसूर और मुंबई के एनजीओ में भी काम कर चुकी हैं।

12 जून 1987 को जन्मी रुकमणी रियार ने शुरुआती शिक्षा होशियारपुर के स्कूलसे की।मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि ये कक्षा 6 में फेल हो गई थीं। यूपीएससी परीक्षा 2011 में AIR 2 पाकर आईएएस बनी। इसके पति सिद्धार्थ सिहाग भी आईएएस हैं, जो चूरू जिला कलेक्टर हैं।

4. मनोज कुमार शर्मा, आईपीएस महाराष्ट्र कैडर

4. मनोज कुमार शर्मा, आईपीएस महाराष्ट्र कैडर

महाराष्ट्र कैडर के सीनियर आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा 12वीं क्लास में फेल हो गए थे। लेकिन बावजूद इसके उन्हें हार नहीं मानी और यूपीएससी में 121 रैंक पाकर IPS बन गए। मुम्बई में Additional Commissioner भी रहे।

ये 12वीं में हिंदी को छोड़कर सारे विषयों में फेल ही नहीं हुए बल्कि 9वीं और 10वीं क्लास में थर्ड डिविजन से पास हुए थे। असफलताएं मिलने के बावजूद भी मनोज का खुद से भरोसा नहीं हटा। वो अपने लक्ष्य से हटे नहीं और देश के सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी।

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