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Haryana news : हरियाणा की इस कैंटीन में मिलता है सबसे सस्ता खाना, जानें जल्दी

पूरी दुनिया में स्वस्थ्य के लिए घर का खाना सबसे बेतहर माना जाता है, लेकिन वही खाना यदि बिना मेहनत मशक्कत बाहर मिल जाए तो क्या ही कहना। वो भी मात्र 10 रुपये में तो सोने पर सुहागा हो जाए। 
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हरियाणा की इस कैंटीन में मिलता है सबसे सस्ता खाना, जानें जल्दी

Haryana news : पूरी दुनिया में स्वस्थ्य के लिए घर का खाना सबसे बेतहर माना जाता है, लेकिन वही खाना यदि बिना मेहनत मशक्कत बाहर मिल जाए तो क्या ही कहना। वो भी मात्र 10 रुपये में तो सोने पर सुहागा हो जाए। 

ऐसी एक कैंटीन पानीपत जिले में श्रम विभाग द्वारा मजदूरों व असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के लिए खोली गई है। पानीपत के कुटानी रोड के वर्मा चौक पर खुली इस कैंटीन में 10 रूपये में भर पेट भोजन मिलता है। 

जहां मजदूर, ऑटो चालक, रिक्शा चालक, दिव्यांग व तमाम मजदूर वर्ग मात्र 10 रुपये में खाना खा सकेंगे। इस 10 रुपये की थाली में दो सब्जियां चार रोटी और चावल मिलेगा।

इतना ही नहीं श्रम विभाग की तरफ से शुरू की गई इस योजना से ना सिर्फ गरीबों को 10 रुपये में निवाला मिलेगा बल्कि 10 से 15 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। श्रम विभाग की इस योजना से महिलाओं का एक स्वयं सहायता समूह तैयार किया गया है। जिसमें 10 महिलाएं शामिल हैं, 

ये सभी 10 महिलाएं खाना बनाने से लेकर परोसने तक का सब काम करती हैं। वहीं यह महिला राशन लाने का काम भी खुद ही करती हैं। पूजा स्वयं सहायता समूह की सचिव रानी ने बताया कि सरकार की यह बेहद अच्छी योजना है।

 जिससे न सिर्फ गरीबों को भोजन मिल रहा है, बल्कि महिलाएं जो घर बैठी थी, उन्हें रोजगार भी मिल रहा है। उन्होंने बताया की थाली में चार रोटी चावल और दो सब्जियां मिल रही है। 


इतना ही नहीं उन्होंने कहा अगर किसी को एक्स्ट्रा सब्जी की जरूरत पड़ती है तो हम उसे मना भी नहीं करते हैं। इसके अलावा पूजा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत वह 10 रुपये खाना खाने वालों से लेते हैं तो वहीं 25 रुपये सरकार की तरफ से उन्हें सहायता के रूप में मिलता है। 

उन्होंने बताया जब से उन्होंने यह कैंटीन शुरू की है। काफी लोग यहां पर भोजन करने आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से तो यहां 600 से 700 लोग रोजाना भोजन कर रहे हैं।

वहीं कैंटीन में भोजन करने पहुंचे मजदूर ने बताया कि यह कैंटीन की योजना उनके लिए किसी सौगात से कम नहीं है। 

उन्होंने बताया इससे पहले वह बाहर खाना खाते थे तो उन्हें 50 से 60 रुपए एक वक्त के खाने के देने पड़ते थे, लेकिन अब यह कैंटीन खुलने से उनकी काफी बचत हो रही है और खाना भी अच्छा मिल रहा है। मजदूरों ने बताया कि महंगाई के दौर में उन्हें दो वक्त का खाना खाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। वे लोग जो पैसा कमाते हैं। 

वह खाने में ही चला जाता था, लेकिन इस कैंटीन के खुलने से उन्हें काफी बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी कैंटीन जगह-जगह खुलनी चाहिए और इन कैंटिनों में दो वक्त के खाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

आपको बता दें कि कैंटीन में सारा खाना महिलाएं खुद अपने हाथों से तैयार करती हैं जो खाना बिना मसाले के बिल्कुल घर जैसा बनता है। 

जिस खाने को खाने के लिए दोपहर 12:00 बजे मजदूरों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है। बता दें कि सरकार की इस योजना में कैंटिनो में जो खाना मजदूरों के लिए बनता है। यह फिलहाल एक वक्त के लिए बनता है। यानी दोपहर 12:00 से 3:00 तक यहां लोग आकर खाना खा सकते हैं।

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