RBI Update: RBI का मिनिमम बैलेंस नियम जारी! खाते में रखना होगा इतना पैसा
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1. मिनिमम बैलेंस क्या है?
मिनिमम बैलेंस वह राशि है जो बैंक खाते में रखनी होती है ताकि आपके खाते में कोई पेनाल्टी न लगे। इसे मिनिमम बैलेंस या मिनिमम बैलेंस मेंटेनेंस (MBM) कहते हैं।
2. कोई सार्वभौमिक नियम नहीं:
RBI ने बैंकों को यह तय करने की स्वतंत्रता दी है कि वे ग्राहकों से कितना मिनिमम बैलेंस रखना चाहते हैं। हर बैंक का अपना मिनिमम बैलेंस होता है, जो अलग-अलग तरह के खातों (जैसे बचत खाता, सैलरी खाता) के हिसाब से अलग-अलग होता है।
3. बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले मिनिमम बैलेंस चार्ज:
कुछ बैंक, खास तौर पर प्राइवेट बैंक, मिनिमम बैलेंस न रखने पर अपने खाताधारकों से चार्ज लेते हैं। यह चार्ज तब लग सकता है जब महीने के अंत में बैलेंस तय बैलेंस से कम हो।
4. न्यूनतम शेष राशि:
बचत खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि ₹500 से लेकर ₹10,000 तक हो सकती है, जो बैंक और खाते के प्रकार पर निर्भर करता है।
वेतन खातों में आमतौर पर न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इसे नियोक्ता द्वारा भरा जाता है।
5. RBI द्वारा बैंकों को दिए गए निर्देश:
RBI ने बैंकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले न्यूनतम शेष राशि शुल्क पारदर्शी हों और ग्राहकों को पूरी तरह से बताए जाएँ। साथ ही, यह सुनिश्चित करने के लिए कि शुल्क में वृद्धि न हो, कुछ बैंकों ने न्यूनतम शेष राशि शुल्क हटा दिया है।
6. ग्राहक विकल्प:
कुछ बैंक ग्राहकों को न्यूनतम शेष राशि के बिना खाता खोलने का विकल्प देते हैं, लेकिन इस मामले में अन्य शुल्क (जैसे नकद निकासी शुल्क) लागू हो सकते हैं।