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IAS Success story: गांव के किसान के बेटे ने की यूपीएससी की परीक्षा पास, , 642वीं रैंक हासिल कर कैसे बने IAS, पढिए VIKAS SETHIA की सफलता की कहानी

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IAS success story: चंबल के एक छात्र ने एक बार फिर कमाल किया है. क्योंकि बीते दो दशकों पहले तक डकैतों की खान कहे जाने वाले चंबल के भिंड जिले में अब डकैत नहीं आईएएस आईपीएस निकल रहे हैं, बीते एक दशक में भिंड जिले से एक दर्जन से अधिक आईएएस आईपीएस निकले हैं. 2020 के यूपीएससी के रिजल्ट में भी भिंड जिले के सिंध नदी के बीहड़ किनारे बसे बीहड़ी गांव गोरम के रहने वाले किसान अवधेश सेथिया के 24 साल के बेटे विकास सेथिया ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी एग्जाम को पास किया है. 

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विकास को मिली 642वीं रैंक:
विकास सेथिया ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास आउट कर एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रतिभाएं किसी चीज की मोहताज नहीं होती. क्योंकि उच्च शिक्षित परिवार अथवा बड़े शहर में ही पैदा होने से ही कोई प्रतिभाशाली नहीं होता, प्रतिभाए सबसे पिछड़े इलाके से भी सामने आ सकती है, यूपीएससी 2020 का रिजल्ट घोषित किया जा चुका है और एक बार फिर भिंड जिले के एक और होनहार छात्र विकास सेथिया ने इस बार जिले का नाम रोशन किया है. विकास ने इस परीक्षा में देश भर के अभ्यर्थियों में 642 वीं रैंक हांसिल की है, सबसे बड़ी बात यह है कि पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है. 

विकास ने दिल्ली में की पढ़ाई: 
विकास ने बताया कि हाई स्कूल के बाद जब उनके सामने करियर का सवाल खड़ा हुआ तो अन्य छात्रों की तरह वह भी मेडिकल और इंजीनियरिंग के बारे में लोगों से पता कर रहे थे, इसी दौरान उन्हें सिविल सेवा के बारे में जानकारी मिली. वे इससे इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने UPSC की तैयारी करने का फैसला लिया. विकास ने बताया कि उसके पिता किसानी करते हैं और वह एक छोटे से गांव गोरम में रहते हैं. लेकिन अपने बेटे की लगन और मेहनत को देखते हुए उन्होंने उसे यूपीएससी की तैयारी करने की छूट दी और उसे पढ़ाई के लिए दिल्ली भेजा. जहां विकास ने यूपीएसी की तैयारी की. खास बात यह है कि विकास ने पहली बार में ही सिलेक्शन लेकर यह साबित कर दिया उनके प्रति उनके मां-बाप की मेहनत बिल्कुल सही थी. 

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आठ से दस घंटे की पढ़ाई: 
विकास ने बताया कि उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए हर दिन आठ से दस घंटे की पढ़ाई की. उनका फोकस हमेशा अपनी तैयारी पर रहा और एग्जमा के दिनों में यह समय सीमा बढ़ाकर चौदह घंटे कर दी थी. विकास कहते हैं कि जब उनका रिजल्ट आया तो उन्हें पहले विश्वास ही नहीं हुआ. लेकिन इन नतीजों से जो खुशियों उन्हें मिली है वह शब्दों में बयां नहीं हो सकती. विकास का रिज्लट आ चुका है और वे अपनी पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि रिजल्ट के समय सरकार द्वारा तय वैकेंसी होने के चलते उन्हें अपनी रैंकिंग के अनुसार पोस्ट मिलेगी.

 जब हमने विकास से पूछा तो उन्होंने बताया कि उनकी रैंक के हिसाब से उन्हें आईपीएस अधिकारी का पद मिलने की उम्मीद है, यदि वे बने तो चाहते हैं कि इस देश में जिस तरह के हालात हैं वे क्राइम कंट्रोल और लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने का पूरा प्रयास करना चाहते हैं. खासकर महिला अपराधों को लेकर उनकी विशेष रुचि है. 

सबसे कठिन मैंस या इंटरव्यू: 
यूपीएससी की तैयारी और उसमें होने वाली परीक्षाओं के संबंध में विकास ने बताया कि लोगों को लगता है कि सबसे ज्यादा कठिन मैंस या इंटरव्यू माना जाता है. लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है उन्हें लगता है सबसे ज्यादा कठिन प्री एग्जाम होता है, क्योंकि इसी परीक्षा में सबसे ज्यादा प्रिडिक्टेबिलिटी होती है, क्योंकि अगर आपकी आंसर राइटिंग अच्छी है तो आप मैंस निकाल सकते हैं, इंटरव्यू में भी यदि आपका कॉन्फिडेंस हैं और आपको चीजें पता है तो आपको सिलेक्शन की पूरी उम्मीद बनी रहती है, इसलिए प्री में सबसे ज्यादा फोकस करना चाहिए. 

हालांकि उनका यह भी मानना है कि यह व्यक्ति विशेष पर भी निर्भर करता है, उसकी क्षमता के अनुसार हो सकता है, उसके लिए प्री आसान हो और मेंस या इंटरव्यू में कुछ समस्याएं. लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी बात आपका अपने आप पर विश्वास होना चाहिए. 

विकास कहते हैं जो भी बच्चे यूपीएससी या दूसरे कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी करते हैं तो उन्हें पूरी मेहनत और लगन से अपनी तैयारी करना चाहिए, कई बार सफलता मिलने में समय लग जाता है. ऐसे में ये अभ्यार्थी भटक जाते हैं या निराश हो जाते हैं. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए उन्हें अपने आप पर भरोसा रखना चाहिए और पूरी मेहनत से अपनी तैयारी करना चाहिए. क्योंकि सफलता आपसे चंद कदमों पर खड़ी होती है, हमें ज़रूरत होती है कि हम उस तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए. 

भिंड से हर साल निकल रहे IAS और IPS:
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब भिंड से किसी छात्र ने यूपीएससी का एग्जाम पास किया है, इससे पहले भी भिंड जिले ने कई IAS और IPS अधिकारी दिए हैं, फिर चाहे वो निवसाई गांव के IAS दीपेन्द्र सिंह हो, अक़ोड़ा गांव के निवासी IAS धनंजय सिंह या फिर पूर्व सांसद भगीरथ प्रसाद की बेटी सिमाला प्रसाद जो इस वक्त बैतूल जिले की एसपी भी हैं.

 वहीं मेहगांव की बेटी प्रियंका शुक्ला का भी आईपीएस के लिए सिलेक्शन हुआ था, बीते सालों इसी तरह फहरिस्त बढ़ रही है. और पिछले एक दशक में भिंड जिले में 1 दर्जन से ज्यादा IAS और IPS अधिकारी चंबल अंचल से बने हैं, जो भिंड ज़िले का नाम देश में रौशन कर रहे हैं. 

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