Jobs Haryana

पिता टेलर, मां मजदूर, बेटे ने पढाई पूरी करने के लिए की गार्ड की नौकरी और बना IIM प्रोफेसर, पढ़ें रामचंद्रन की ये दिलचस्प स्टोरी

Jobs Haryana, Success Story Of Ranjit Ramachandran आज के समय में अपनी अलग पहचान बनाने का सपना सभी देखते हैं लेकिन पूरा वही करता है जो दिन रात मेहनत करता है। अपने सपने को पूरा करने के लिए हर मुश्किल का सामना करते हैं और अपने कदम आगे बढाते ही जाते है और एक दिन
 | 
पिता टेलर, मां मजदूर, बेटे ने पढाई पूरी करने के लिए की गार्ड की नौकरी और बना IIM प्रोफेसर, पढ़ें रामचंद्रन की ये दिलचस्प स्टोरी

Jobs Haryana, Success Story Of Ranjit Ramachandran

आज के समय में अपनी अलग पहचान बनाने का सपना सभी देखते हैं लेकिन पूरा वही करता है जो दिन रात मेहनत करता है। अपने सपने को पूरा करने के लिए हर मुश्किल का सामना करते हैं और अपने कदम आगे बढाते ही जाते है और एक दिन कामयाबी उनके कदम चूमती है। यह कहानी केरल के कासरगोड की है जहां एक शख्स ने गार्ड की नौकरी करते हुए पढ़ने-लिखने की अपनी ललक से आईआईटी में दाखिला लिया और बाद में आईआईएम रांची में असिस्टेंट प्रोफेसर बने।

पिता टेलर, मां मजदूर, बेटे ने पढाई पूरी करने के लिए की गार्ड की नौकरी और बना IIM प्रोफेसर, पढ़ें रामचंद्रन की ये दिलचस्प स्टोरी

28 साल के इस शख्स के जज्बे को आज सब लोग सलाम कर रहे हैं। इनका नाम रंजीत रामचंद्रन है जो कासरगोड के रहने वाले हैं। रामचंद्रन आज अपने समकक्षों और सीनियर के लिए मिसाल बने हुए हैं कि हालात भले ही मुश्किल हों लेकिन अगर चाह हो तो राह जरूर बनती है।

पिता टेलर, मां मजदूर, बेटे ने पढाई पूरी करने के लिए की गार्ड की नौकरी और बना IIM प्रोफेसर, पढ़ें रामचंद्रन की ये दिलचस्प स्टोरी

रंजीत रामचंद्रन का फेसबुक पेज देखें तो उस पर दो तस्वीरों का एक कोलाज दिखेगा। एक तरफ रामचंद्रन खड़े हैं तो उनके बगल में एक झोंपड़ी दिख रही है। यह झोंपड़ी अपने आप में एक कहानी है जिसकी टूटी दीवार और टरपॉलिन से ढकी छान (झोंपड़ी का ऊपरी हिस्सा जो पक्के मकान में छत कही जाती है) बताती है कि रामचंद्रन और उनका परिवार किन परिस्थितियों में जिंदगी बसर करता होगा।

पिता टेलर, मां मजदूर, बेटे ने पढाई पूरी करने के लिए की गार्ड की नौकरी और बना IIM प्रोफेसर, पढ़ें रामचंद्रन की ये दिलचस्प स्टोरी

रामचंद्रन ने यह तस्वीर तब डाली जब वे आईआईएम में असिस्टेंट प्रोफेसर बनाए गए। देखते-देखते इस पोस्ट को 37 हजार लाइक्स मिले और केरल के वित्त मंत्री टीएम थॉमस ने भी उन्हें बधाई दी। रामचंद्रन आज छात्रों के साथ-साथ गरीब और विपन्नों की प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

पिता टेलर, मां मजदूर, बेटे ने पढाई पूरी करने के लिए की गार्ड की नौकरी और बना IIM प्रोफेसर, पढ़ें रामचंद्रन की ये दिलचस्प स्टोरी

रामचंद्रन का सफर कासरगोड के पनाथूर में बीएसएनएल टेलीफोन एक्सचेंज में बतौर नाइट गार्ड के तौर पर शुरू हुआ था। इस दौरान वे अपने जिले में ही पायस कालेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई कर रहे थे। रामचंद्रन का फेसबुक पोस्ट बताता है, वे रात को एक्सचेंज में गार्ड की नौकरी करते और दिन में कालेज की पढ़ाई। ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्हें आईआईटी मद्रास में दाखिला मिला और वे पढ़ाई में रम गए। उन्हें केवल मलयालम भाषा आती थी इसलिए आगे चलकर उन्होंने पीएचडी की पढ़ाई छोड़ने का मन बना लिया। हालांकि डॉ। सुभाष ने उन्हें समझाया और रामचंद्रन को फिर रास्ते पर लाया।

पिता टेलर, मां मजदूर, बेटे ने पढाई पूरी करने के लिए की गार्ड की नौकरी और बना IIM प्रोफेसर, पढ़ें रामचंद्रन की ये दिलचस्प स्टोरी

मुश्किल परिस्थितियों से जूझते हुए रंजीत रामचंद्रन ने पिछले साल डॉक्टरेट पूरा किया। इसी दौरान वे क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में असिस्टेट प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत थे। पिछले 2 महीने पहले उन्हें यह नौकरी मिली थी। रामचंद्रन अपने फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं कि उनका इरादा अपने समकक्ष लोगों को बताना था कि कुछ करने की चाह रखने वालों की कभी हार नहीं होती और लोगों को अपने सपने संजोने के लिए हमेशा प्रयत्न करना चाहिए। इमानदार प्रयास करें तो कामयाबी अवश्य मिलती है।

पिता टेलर, मां मजदूर, बेटे ने पढाई पूरी करने के लिए की गार्ड की नौकरी और बना IIM प्रोफेसर, पढ़ें रामचंद्रन की ये दिलचस्प स्टोरी

रामचंद्रन बताते हैं कि गरीबी के चलते उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई लगभग छोड़ दी थी। उनके पिता टेलर का काम करते हैं जबकि मां मनरेगा के तहत दिहाड़ी मजदूरी करती हैं। रामचंद्रन को यह गरीबी हमेशा याद रहती थी। इसलिए जब भी मन टूटता और मैदान छोड़ने का खयाल आता, वे अपनी कोशिश और तेज कर देते। आज उनका यह मंत्र बड़े-बड़े लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है। केरल में के आर नारायणन भी ऐसी शख्सियत थे जो मामूली परिवार से उठे और भारत के राष्ट्रपति का पद संभाला। रंजीत रामचंद्रन ने भी संकट के सामने घुटने नहीं टेके और अपनी गरीबी को हथियार बनाकर समाज में परचम फहरा दिया।(PTI)

Latest News

Featured

You May Like