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गांव में ऊंट चराए, कच्चे घरों में बचपन निकाला और जब मिला IPS पद तो लोग भी हुए हैरान, IPS Vijay Singh Gurjar

Jobs Haryana, Success Story Of IPS Vijay Singh Gurjar एक गरीब घर में जन्मा बच्चा अगर कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर ले तो लोग अक्सर हैरान हो ही जाते हैं और अगर वो ही बच्चा अपनी मेहनत के दम पर कई सरकारी नौकरियां छोड़ दे तो ये ओर भी हैरान करता है | लोगों की
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गांव में ऊंट चराए, कच्चे घरों में बचपन निकाला और जब मिला IPS पद तो लोग भी हुए हैरान, IPS Vijay Singh Gurjar

Jobs Haryana, Success Story Of IPS Vijay Singh Gurjar

एक गरीब घर में जन्मा बच्चा अगर कोई बड़ी उपलब्धि हासिल कर ले तो लोग अक्सर हैरान हो ही  जाते हैं और अगर वो ही बच्चा अपनी मेहनत के दम पर कई सरकारी नौकरियां छोड़ दे तो ये ओर भी हैरान करता है | लोगों की ये ही सोच होती की अगर सरकारी नौकरी लगी है तो उसे कर के वो शख्स अपने घर पालन पौषन करे | लेकिन कुछ ऐसी शख्सियत भी होती हैं जो अपनी मेहनत के दम पर सिर्फ सरकारी नौकरी ही नहीं बल्कि उससे भी बड़े सपने पूरे कर लेते हैं | हम बात कर रहे हैं IPS Vijay Singh Gurjar की जिन्होंने गांव में अपना बचपन कच्चे मकानों में निकाला और गांव में ऊंट चराए, खेतों में जुताई व अपना पढ़ाई का खर्च निकाला और अंत में आईपीएस का पद मिला | जब सफलता की सीढीयां चढ़ने लगे तो विजय ने पीछे मुड़कर नहीं देखा | दरअसल, विजय की दिल्ली पुलिस में हवलदार की नौकरी भी लग गई थी लेकिन उन्होंने सपने बड़े देखे थे और उन्होंने उसके लिए मेहनत जारी रखी |

गांव में ऊंट चराए, कच्चे घरों में बचपन निकाला और जब मिला IPS पद तो लोग भी हुए हैरान, IPS Vijay Singh Gurjar

विजय राजस्थान के  झुंझुनूं जिले में नवलगढ़-उदयपुरवाटी मार्ग पर स्थित गांव देवीपुरा के रहने वाले हैं | उन्होंने अपने घर खर्च निकालने के लिए कड़ी मेहनत की, ऊंटों को ट्रेनिंग देकर मेलों में बेचना, खेतों में काम करना साथ में अपनी पढ़ाई भी की | ऐसे में उनके पिता ने उन्हें संस्कृत से शास्त्री करने की सलाह दी जिसके लिए विजय ने पढ़ाई पूरी की और नौकरी की तलाश में लग गए | इस बीच उनके एक दोस्त ने उन्हें कांस्टेबल में भर्ती निकलने की जानकारी दी और उन्होंने तैयारी शुरू कर दी | जिसके बाद उन्होंने 100 में 89 नंबर पाकर जून 2010 में कांस्टेबल के पद पर नौकरी ज्वाइन की |

गांव में ऊंट चराए, कच्चे घरों में बचपन निकाला और जब मिला IPS पद तो लोग भी हुए हैरान, IPS Vijay Singh Gurjar

पर केवल सरकारी नौकरी पाना विजय का सपना नहीं था उन्होंने आईपीएस बनना था जिसके लिए उन्होंने फिर से तैयारी करनी शुरू कर दी | उनके इस सफर के दौरान उन्होंने 6 सरकारी नौकरियों को छोड़ दिया | उन्होंने अपनी सफलता हासिल करने के बाद बताया कि वो एक किसान परिवार से हैं और लोग अक्सर उनके हालातों का मजाक तक बनाते थे कि वे सरकारी नौकरी ही लग जाए तो बहुत होगा | ज्वाइंट परिवार में कोई भी पढ़ा लिखा शख्स नहीं था जिसके कारण मार्गदर्शन भी कोई नहीं कर सकता था | कच्चे मकान में रहकर पढ़ाई की, परिवार को भी संभाला और मेहनत भी जारी रखी |

जब 2010 में हवलदार की नौकरी लगी तो इंस्पेक्टर पद की तैयारी शुरू की जिसमें भी उन्हें सफलता हासिल की |बस फिर क्या था उन्होंने यूपीएससी की जानकारी जुटाई और ठान लिया की इस परीक्षा में सफल होना है | विजय ने अपनी सरकारी नौकरी के साथ ही 6 घंटे एक्सट्रा लगाकर सेल्फ स्टडी शुरू कर दी  |

गांव में ऊंट चराए, कच्चे घरों में बचपन निकाला और जब मिला IPS पद तो लोग भी हुए हैरान, IPS Vijay Singh Gurjar

उम्र बढ़ने के साथ ही परिवार ने शादी को कहा तो विजय सिंह गुर्जर की शादी वर्ष 2015 में सीकर के गांव भादवासी की सुनिता के साथ हुई है | लेकिन शादी के बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत जारी रखी और आएएस परीक्षा 2013 में इन्होंने 556वीं रैंक और आरएएस परीक्षा 2016 में 456वीं रैंक प्राप्त किया | उनका सपना आईएएस बनने का था जिसके लिए उन्होंने आरएएस भी ज्वाइन की और सिविल सर्विस की तैयारियों में भी जुटे रहे | इस दौरान उन्हें कई बार असफलता भी हाथ लगी | साल 2013, 2014 और 2015 में उन्हें असफलता मिली और वे परीक्षाओं में पास नहीं हो पाए | लेकिन साल 2016 में सिविल सर्विसेस की फाइनल लिस्ट तक पहुंचे उसके बाद 2017 मे यूपीएससी की परीक्षा में 574वां रैंक हासिल किया और ips बने |

गांव में ऊंट चराए, कच्चे घरों में बचपन निकाला और जब मिला IPS पद तो लोग भी हुए हैरान, IPS Vijay Singh Gurjar

मां के लिए बनवाया पक्का घर

Ips बनने के बाद विजय ने सबसे पहले अपने कच्चे घर को पक्का बनवाया | उन्होंने अपनी सफलता का मूल मंत्र देते हुए कहा कि जरूरी है तो स्ट्रेटजी के साथ पढ़ना | तभी आप परीक्षा में सफल हो सकते हैं | आज IPS Vijay Gurjar कई लोगों के लिए उदाहरण हैं |

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