Jobs Haryana

कभी लगाया था साइकिलों के पंचर आज है IAS ऑफिसर, जानिए वरुण बरनवाल की कामयाबी की कहानी

Jobs Haryana कहते हैं कि मेहनत का फल मीठा होता हैं। कई बार हार का सामना करने के बाद जब कामयाबी मिलती है तो उसका मजा ही कुछ और होता है। आज हम एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जो कभी बचपन में साइकिल का पंचर ठीक किया करता था और
 | 
कभी लगाया था साइकिलों के पंचर आज है IAS ऑफिसर, जानिए वरुण बरनवाल की कामयाबी की कहानी

Jobs Haryana

कहते हैं कि मेहनत का फल मीठा होता हैं। कई बार हार का सामना करने के बाद जब कामयाबी मिलती है तो उसका मजा ही कुछ और होता है। आज हम एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं जो कभी बचपन में साइकिल का पंचर ठीक किया करता था और आज एक IAS ऑफिसर है। ये उनकी अटूट मेहनत का नतीजा है कि उन्‍होंने साल 2013 में यूपीएससी की परीक्षा में 32वां स्थान हासिल किया। आज हम जिसकी कहानी बताने जा रहे हैं उसका नाम वरुण है। वरुण बरनवाल ने 2013 में यूपीएससी की परीक्षा में 32वां स्थान हासिल किया। पिता की मौत और आर्थिक तंगी के इन हालातों में आखिर वरुण ने कैसे पाई सफलता आइए जानते हैं।

कभी लगाया था साइकिलों के पंचर आज है IAS ऑफिसर, जानिए वरुण बरनवाल की कामयाबी की कहानी

 

वरुण ने अपनी कामयाबी की कहानी बताते हुए कहा कि ये उस वक्‍त की बात है, जब मैं दसवीं क्‍लास में था। मेरे पिता का निधन हो गया था। बस उसके बाद से ही मैंने सोच लिया था कि अब पढ़ाई नहीं करूंगा। घर खर्च और पैसे कमाने के लिए साइकिल की दुकान पर काम करूंगा, क्‍योंकि मेरे पास पैसे नहीं थे लेकिन तभी दसवीं का रिजल्‍ट आया और मैंने स्‍कूल में टॉप किया था। इसके बाद से मेरे घर वाले चाहते थे कि मैं पढ़ाई करूं। उन्होंने कहा कि तुम पढ़ाई करो। मां ने कहा कि तुम पढाई करो बाकी हम सब काम करेंगे।

 

कभी लगाया था साइकिलों के पंचर आज है IAS ऑफिसर, जानिए वरुण बरनवाल की कामयाबी की कहानी

वरुण ने बताया कि 11वीं-12वीं कक्षा के साल मेरे जीवन के सबसे मुश्‍किल भरे साल रहे हैं। मैं सुबह 6 बजे उठकर स्कूल जाता था। जिसके बाद 2 से रात 10 बजे तक ट्यूशन लेता था और उसके बाद दुकान पर काम करता था।
वरुण बताते हैं कि इन हालातों में मैंने और ज्‍यादा मेनहत करनी शुरू की। मैंने ठान लिया था कि इतनी अच्‍छी तरह पढ़ाई करनी है कि प्रिसिंपल मेरी फीस माफ कर दें। आखिरकार हुआ भी वही मेरे मार्क्‍स अच्‍छे आए और प्रिसिंपल से रिक्वेस्ट की और उन्‍होंने फीस माफ कर दी। इस तरह से स्‍कूल की पढ़ाई पूरी हुई।

कभी लगाया था साइकिलों के पंचर आज है IAS ऑफिसर, जानिए वरुण बरनवाल की कामयाबी की कहानी

 

स्‍कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास कर ली थी। जब इसकी फीस भरने की बारी आई तो मेरे परिवार, दोस्‍त, पिता के दोस्‍त सबने मिलकर मेरी मदद की। इंजीनियरिंग पास करते ही यूपीएससी की परीक्षाओं की तैयारी शुरू की।

कभी लगाया था साइकिलों के पंचर आज है IAS ऑफिसर, जानिए वरुण बरनवाल की कामयाबी की कहानी

 

वरुण ने बताया कि इंजीनियरिंग खत्‍म होने के बाद मेरी प्लेसमेंट अच्‍छी कंपनी में हुई। लेकिन मैने सिविल सर्विसेज परीक्षा देने का मन बना लिया था लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि तैयारी कैसे करनी है जिसके बाद भाई ने मदद की।

कभी लगाया था साइकिलों के पंचर आज है IAS ऑफिसर, जानिए वरुण बरनवाल की कामयाबी की कहानी

 

जब यूपीएससी प्रिलिम्स का रिजल्ट आया तो मैंने भइया से पूछा कि मेरी रैंक कितनी आई है- जिसके बाद उन्होंने कहा 32। ये सुनकर वरुण की आंखों में आंसू आ गए हैं। उन्हें यकीन था अगर मेहनत और लगन सच्ची हो बिना पैसों के भी आप दुनिया का हर मुकाम हासिल कर सकते हैं।

Latest News

Featured

You May Like