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माता-पिता ने सेना मे रहकर की देश की सेवा, बेटी ने भी आईएएस बनकर देश सेवा का सपना किया पूरा

Jobs Haryana, Success Story Of Chandra Jyoti Singh आज के समय में हर युवक – युवती चाहते हैं कि उन्हे अच्छी नौकरी मिले। ज्यादातर युवा पुलिस विभाग में नौकरी की इच्छा रखते हैं और जिसके लिए वो मेहनत भी करते है लेकिन सभी को सफलता नही मिल पाती है इसका एक कारण यह भी है
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माता-पिता ने सेना मे रहकर की देश की सेवा, बेटी ने भी आईएएस बनकर देश सेवा का सपना किया पूरा

Jobs Haryana, Success Story Of Chandra Jyoti Singh 

आज के समय में हर युवक – युवती चाहते हैं कि उन्हे अच्छी नौकरी मिले। ज्यादातर युवा पुलिस विभाग में नौकरी की इच्छा रखते हैं और जिसके लिए वो मेहनत भी करते है लेकिन सभी को सफलता नही मिल पाती है इसका एक कारण यह भी है कि बहुत से युवा एक या दो असफलताओं के बाद हार मान लेते हैं।

माता-पिता ने सेना मे रहकर की देश की सेवा, बेटी ने भी आईएएस बनकर देश सेवा का सपना किया पूरा
आज हम जिसके बारे में बताने जा रहे है वे साल 2019 की यूपीएससी परीक्षा में 28वीं रैंक पाकर आईएएस बनने वाली चंद्रज्योति सिंह है। अभी उनकी उम्र महज 23 साल की हैं। इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता पाने के पीछे वो अपने पैशन और अपनी स्ट्रेटजी को खास मानती हैं।

माता-पिता ने सेना मे रहकर की देश की सेवा, बेटी ने भी आईएएस बनकर देश सेवा का सपना किया पूरा

आइए जानते हैं चंद्रज्योति सिंह का सफर और क्या थी उनकी स्ट्रेटजी। चंद्रज्योति के माता पिता दोनों ही आर्मी में थे। उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि मेरे माता पिता ने आर्मी में रहकर देश की सेवा की है। प्रशासनिक सेवा में आना भी देश की सेवा करने का एक बड़ा तरीका है। वो बताती हैं कि पैरेंट्स भारत के कई शहरों में रहे, इसलिए उनका बचपन अलग-अलग शहरों में पढ़ाई करने में बीता।

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चंद्रज्योति को बचपन से ही क्व‍िजिंग और डिबेट बहुत पसंद थी, वो अपने स्कूल में एक्स्ट्रा करिकुलर एक्ट‍ि‍विटी में आगे रहती थीं। जब से उन्होंने होश संभाला उन्होंने आईएएस बनने का ही सपना देखा जिसमें उनके माता-पिता ने पूरा सहयोग दिया। उन्होंने साल 2018 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से हिस्ट्री ऑनर्स में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। 2018 में ग्रेजुएशन खत्म होने के बाद ही उनका आईएएस की तैयारी का सफर शुरू हुआ।

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वो कहती हैं कि पहले पांच महीने में ही मैंने सिलेबस खत्म किया था। उनकी स्ट्रेटजी की बात करें तो उन्होंने दो भागों में तैयारी शुरू की। पहले भाग में जीएस, दूसरे भाग में ऑप्शन की तैयारी शुरू की। इसके बाद रात में न्यूजपेपर पढ़ने में एक से दो घंटा लगाती थी। फिर अक्टूबर के आसपास मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज के जरिये तैयारी पर जोर दिया। चंद्रज्योति ने अपनी तैयारी सेल्फ स्टडी के जरिये की। वो कहती हैं कि मैंने अपनी स्ट्रेटजी और रिर्सोस दोनों ही सिम्पल और लिमिटेड रखा। हिस्ट्री उनका ऑप्शनल विषय था, इसलिए उन्होंने हिस्ट्री की तैयारी में काफी जोर दिया।

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वो दिन में 6 से 8 घंटे तैयारी में लगा रही थीं। फिर एग्जाम से कुछ दिन पहले दस घंटे से 12 घंटे तैयारी में लगाए। अगर उनकी तैयारी की बात करें तो करेंट अफेयर्स के लिए ऑनलाइन साइट्स और किताबों और ऑनलाइन रिर्सोसेस का सहारा लिया। इसके बाद आंसर राइटिंग की प्रैक्ट‍िस शुरू की। इसके साथ ही वो अपनी तैयारी के नोट्स बनाना कभी नहीं चूकती थीं। फिर इन्हीं नोट्स से बार बार दोहराकर अपनी तैयारी जारी रखी।

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चंद्रज्योति मॉक टेस्ट को बहुत जरूरी मानती हैं। उनका कहना है कि आप इसके जरिये अपने दिमाग को एग्जाम के लिए तैयार कर सकते हैं। साथ ही प्रेजेंस ऑफ माइंड भी डेवलेप कर सकते हैं। प्रीलिम्स के लिए उन्होंने बहुत सारे मॉक टेस्ट दिए। वो कहती हैं कि मैंने कम से कम 50 मॉक टेस्ट दिए। इसके बाद इंटरव्यू की तैयारी के लिए भी वो मॉक टेस्ट को जरूरी मानती हैं। चंद्रज्योति ने पहले सभी परीक्षाओं की तैयारी की।

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लेकिन प्रीलिम्स से ठीक दो महीने पहले उन्होंने सिर्फ इसी पर फोकस किया। फिर मेन्स के लिए टेस्ट सीरीज ज्वाइन की। उन्होंने पढ़ाई से कभी खुद को ऊबने नहीं दिया। इसके लिए वो पर्सनल लाइफ में भी खुद को चार्ज रखती थीं। चंद्र ज्योति कहती हैं कि मैं 15 दिन में एक बार फुल डे खुद को पढ़ाई से अलग रखती थी। इस दिन दोस्तों के साथ फिल्म या कोई अपनी पसंदीदा फिक्शन पढ़कर बिताती थी। वो कहती हैं कि खुद को ब्रेक देना भी बहुत जरूरी है, वरना आपको तैयारी के दौरान काफी स्ट्रेस हो सकता है।

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