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हरियाणा के रोहताश ने फतेह किया किलिमंजारो, 24 घंटे पर्वत की चोटी पर रहे, सांझा किया अपना अनुभव

Jobs Haryana, Success Story of Mountaineer हरियाणा के पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतेह कर जिले का मान बढ़ा दिया है। उनके साथ पर्वतारोही अनु यादव भी गई थीं। वहीं रोहताश चोटी पर 24 घंटे बिताने का रिकॉर्ड बनाने के लिए रूके जो उन्होंने रिकॉर्ड बना दिया है। 24
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हरियाणा के रोहताश ने फतेह किया किलिमंजारो, 24 घंटे पर्वत की चोटी पर रहे, सांझा किया अपना अनुभव

Jobs Haryana, Success Story of Mountaineer

हरियाणा के पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतेह कर जिले का मान बढ़ा दिया है। उनके साथ पर्वतारोही अनु यादव भी गई थीं।

हरियाणा के रोहताश ने फतेह किया किलिमंजारो, 24 घंटे पर्वत की चोटी पर रहे, सांझा किया अपना अनुभव

वहीं रोहताश चोटी पर 24 घंटे बिताने का रिकॉर्ड बनाने के लिए रूके जो उन्होंने रिकॉर्ड बना दिया है। 24 घंटे बाद भी जब वे नीचे नहीं उतरे तो रेस्क्यू टीम ने उन्हें ढूंढना शुरू कर दिया। सोमवार देर रात वे सही सलामत नीचे उतर आए।

हरियाणा के रोहताश ने फतेह किया किलिमंजारो, 24 घंटे पर्वत की चोटी पर रहे, सांझा किया अपना अनुभव

हिसार के गांव मलापुर निवासी पर्वतारोही रोहताश खिलेरी ने विद्युत नगर निवासी अनु यादव के साथ किलिमंजारो को फतेह किया। रोहताश खिलेरी माउंट एवरेस्ट को भी फतेह कर चुके हैं। अनु यादव फतेहाबाद के बुवान गांव की निवासी है और पिछले लंबे समय से हिसार विद्युत नगर में अपने परिवार के साथ रह रही है, जहां उनके पिता ओमबीर यादव विद्युत विभाग में कार्यरत हैं।

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अनु यादव के अनुसार उन्होंने 17 मार्च को किलिमंजारो नेशनल पार्क से माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई शुरू की थी। 19 मार्च को वे दोपहर 2 बजकर 10 मिनट पर कीबो हट पहुंच गए थे जो 4720 मीटर की ऊंचाई पर है। वहां पर उनका सिरदर्द होने लगा। इस पर कुछ समय आराम करके हमने रात करीब डेढ़ बजे फिर से माउंट किलिमंजारो की चढ़ाई शुरू की। करीब 5681 मीटर की ऊंचाई पर गिलमंस पॉइन पर उनकी तबीयत काफी खराब हो गई।

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20 मार्च दोपहर को अफ्रीका के टाइम अनुसार दो बजे तक हम दोनों 5756 मीटर ऊंचाई पर स्टेला प्वाइंट तक ही पहुंच पाए। उस समय शाम होने को थी और मौसम भी खराब था, इसलिए हमने वहीं पर रुकने का निर्णय लिया। 21 मार्च सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर हम माउंट किलिमंजारो की अंतिम चढ़ाई के लिए निकले।

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अफ्रीका के टाइम 11 बजकर 45 मिनट पर हम दोनों चोटी के शिखर पर पहुंचे और वहां तिरंगा लहराया। हमारा प्रयास था कि हमें चोटी पर 24 घंटे रुककर नया रिकॉर्ड बनाना है। मगर उनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब थी, जिस कारण वे शिखर पर रुकने में सक्षम नहीं थी। इस कारण उन्होंने नीचे जाने का निर्णय लिया।

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रोहताश ने कहा कि अगर वे अभी नहीं रुके तो उन्हें माउंट एवरेस्ट पर 24 घंटे रुकने की भी अनुमति नहीं मिलेगी और वे कभी यह रिकॉर्ड नहीं बना सकेंगे।  उन्होंने अनु को गाइड के साथ नीचे भेज दिया और वे वहीं पर रुक गए। इसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला। रेस्क्यू टीम ने देर रात उन्हें ढूंढ निकाला।

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