महज 10 महीने की तैयारी से निधि (Dr. Nidhi) ने पहली बार में ही क्लियर की यूपीएसी की परीक्षा, बताया तैयारी का ये बेहतरीन तरीका
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पुलिस विभाग में नौकरी करने की बहुत से युवाओं की इच्छा होती है। लेकिन ये सपना उन्ही का पूरा होता है जिन्होने दिन रात मेहनत की हो और खुद पर भरोसा किया हो। अगर बात करें आईपीएससी और एआईएस की तो बहुत से युवाओं का ये मानना है कि यूपीएसी को क्लियर कर पाना आसान नही है और बिना कोचिंग के तो यूपीएससी को क्लियर कर पाना और भी मुश्किल हो जाता है।
लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारें में बताने जा रहे हैं जिसने महज 10 महीने की तैयारी से यूपीएसी को क्लियर कर अपना सपना पूरा कर लिय़ा। ये कहानी है साल 2017 की टॉपर डॉ निधि पटेल की। डॉ निधि ने समाज सेवा के अपने दायरे को बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में आना चुना-
DR. Nidhi
आईएएस पद के लिए चुने जाने से पहले निधि एमबीबीएस और एमएस की डिग्री ले चुकी हैं। यही नहीं मेडिकल साइंस में इतनी पढ़ाई के बाद निधि ने कुछ समय तक काम भी किया। इसी दौरान निधि को किसी ऐसे क्षेत्र में जाने का ख्याल आया जहां से जरूरतमंद लोगों की ज्यादा सेवा की जा सके।
दरअसल मेडिकल की डिग्री के बाद जब निधि जॉब कर रही थी तो ऐसे बहुत से जरूरतमंद लोगों के संपर्क में आईं जिन्हें बहुत से क्षेत्रों में मदद की जरूरत थी और निधि केवल एक डॉक्टर के ही तौर पर उनकी सहायता कर पा रही थी। ऐसे में निधि को लगा कि कोई और क्षेत्र ज्वॉइन करना चाहिए जिससे इनकी और मदद की जा सके।
उन्होंने सिविल सेवा के बारे में सुना। इस परीक्षा को देश के सबसे मुश्किल और प्रतिष्ठित परीक्षा कहा जाता है इसलिए इसे क्लियर करने की ठान ली। लेकिन निधि ने खुद से शर्त रखी कि वो पहली बार में इसे पास करेंगी।
निधि यूपीएससी परीक्षा की तैयारियों में जुट गईं। उनकी तैयारियों की खास बात यह थी कि उन्होंने एग्जाम क्रैक करने में बहुत समय नहीं लगाया और पहले ही प्रयास में केवल नौ से दस महीने की तैयारी में परीक्षा पास कर ली। निधि ने यह कमाल कैसे किया लोग दंग सोचकर रह जाते हैं। लेकिन ये हो सकता है UPSC आपसे डेडिकेशन के साथ स्मार्ट स्ट्रेटजी भी मांगता है। इसलिए निधि ने उसी हिसाब से तैयारी की।
निधि अपनी तैयारियों के विषय में बात करते हुए कहती हैं कि चूंकि उनके पास समय कम था और उन्होंने पहले ही प्रयास में परीक्षा पास करने का टारगेट रखा था इसलिए परीक्षा से जुड़ी किसी भी चीज को सीमित समय के लिए ही प्रैक्टिस किया। दरअसल जब निधि ने इस एग्जाम को देने की योजना बनाई उस समय उनके पास केवल दो अटेम्प्ट बचे थे, जिसमें भी निधि पहले प्रयास को ही आखिरी बना देना चाहती थी और ऐसा ही हुआ।
इस वजह से चाहे नोट्स बनाने हों या आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करनी हो, निधि ने बहुत समय किसी पर भी खर्च नहीं किया। उन्होंने अपने टारगेट सेट किए थे जिन्हें वे समय के अंदर खत्म करके ही दम लेती थी। निधि परीक्षा के बारे में अपना अनुभव शेयर करते हुए कहती हैं कि उत्तर लिखते समय उन्हें प्रभावशाली बनाने की पूरी कोशिश करें और जो भी एक अच्छे आंसर के एलिमेंट्स माने जाते हैं, वे सब अपने उत्तर में डालें, तभी आपको बढ़िया अंक मिलेंगे।
DR. Nidhi
इसी प्रकार आंसर राइंटिंग प्रैक्टिस सीमित करें पर इस बात का ध्यान रखें कि पेपर समय के अंदर पूरा करने की क्षमता विकसित कर लें। मुख्य परीक्षा वाले दिन अगर प्रश्न छोड़कर आएंगे तो सेलेक्शन मुश्किल होगा या रैंक अच्छी नहीं आएगी। इसलिए दिए गए समय के अंदर पेपर जरूर पूरा करें। इसके लिए खूब मॉक दें। इससे आपको अपनी कमी पता चल जाएगी।
DR. Nidhi
अगली जरूरी बात निधि मोटिवेशन को लेकर कहती हैं, वे कहती हैं जब इस परीक्षा की तैयारी का मन बनाते हैं तो राह में बहुत कठिनाइयां आती हैं लेकिन उन कठिनाइयों से पार वही पाता है जो हिम्मत नहीं हारता और जिसके अंदर इस फील्ड में आने का तगड़ा मोटिवेशन होता है। इसलिए लक्ष्य को साफ रखने के साथ ही पाक भी रखें, सफल जरूर होंगे।