शिव विधायक ने दिए लोकसभा चुनाव लड़ने के संकेत:रवींद्र भाटी बोले- साथियों से राय लेकर लेंगे फैसला

कांग्रेस को उम्मीदवार की तलाश है. प्रियंका चौधरी और रवींद्र सिंह भाटी ने बीजेपी से बगावत कर बाड़मेर और शिव विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. फिलहाल दोनों बीजेपी से बाहर हैं. ऐसे में चर्चा है कि विधायक रवींद्र सिंह भाटी बीजेपी से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. रवींद्र सिंह भाटी ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार नहीं किया है. उन्होंने कहा है कि वह अपने सहयोगियों से सलाह-मशविरा और चर्चा के बाद कोई फैसला लेंगे.
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बाड़मेर से प्रियंका चौधरी और शिव से रवींद्र सिंह भाटी का टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों ने बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन किया. दोनों ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. दोनों सीटों पर बीजेपी की जमानत जब्त हो गई. जबकि बीजेपी ने चौहटन और पचपदरा सीट तीन हजार से भी कम वोटों से जीती थी.
उस वक्त मंत्री कैलाश चौधरी ने भी टिकट कटने का विरोध किया था. लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर-बालोतरा और जैसलमेर जिले में 8 सीटें हैं. बाड़मेर और शिव से निर्दलीय विधायक चुने गए हैं, लेकिन इन विधायकों ने अभी तक बीजेपी में प्रवेश नहीं किया है.
भाटी ने चुनाव लड़ने के दिए संकेत
बीजेपी ने 2014 और 2019 के चुनाव में लगातार बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है. लेकिन इस चुनाव में बीजेपी के लिए राह आसान नहीं दिख रही है. निर्दलीय चुनाव जीतने के बाद बागियों की एंट्री नहीं हुई है. यहां शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं. अगर भाटी निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी के वोटरों में सेंध लगेगी. इससे बीजेपी को सीधा नुकसान हो सकता है.
विधायक ने कहा- समर्थकों से रायशुमारी और चर्चा के बाद निर्णय लेंगे
विदेश यात्रा से लौटे विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने जोधपुर में मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं पिछले कुछ दिनों से बाहर हूं. अब मैं अपने सभी समर्थकों, कार्यकर्ताओं एवं भाइयों सहित वापस आ गया हूं। जिनके सहयोग से मैं आज यहां तक पहुंचा हूं। उन सभी से सलाह-मशविरा करने के बाद जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा और आप सभी को सूचित कर दिया जाएगा।
कांग्रेस को एक वरिष्ठ चेहरे की तलाश है
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से कौन होगा उम्मीदवार? इसको लेकर चर्चा तेज हो गई है. आज दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में राजस्थान के उम्मीदवारों के पैनल पर चर्चा होनी है. पिछले 10 सालों में राजस्थान में कांग्रेस के खाते में एक भी सीट नहीं गई है, इसलिए कांग्रेस ऐसे नेता को टिकट देना चाहती है जो मजबूत हो और वोट बैंक पर उसकी पकड़ हो, ताकि वह बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा जीत सके. पश्चिमी राजस्थान की विधानसभा सीट.
पिछले महीने राजस्थान कांग्रेस प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष समेत कई कांग्रेसी दिग्गजों ने बाड़मेर आकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी पर लोकसभा चुनाव लड़ने का दबाव बनाया था, लेकिन हेमाराम चौधरी ने यह कहकर मना कर दिया था कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे.