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जीवन में सफल होना है तो ये पांच डर आज ही अपने अंदर से निकाल दे, आइये जाने कौनसे है ये पांच डर

Jobs Haryana: सफलता के सूत्र आज हम बात करेगे ऐसे 5 डरों की जो मनुष्य में बिल्कुल भी नही होने चाहिए, और जहाँ तक हम अनुमान लगा सकते है इन पांचों डरों में से कोई न कोई डर आपके अंदर जरूर होगा। यदि इन पांचों डरों में से एक भी डर आपके अंदर है तो
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जीवन में सफल होना है तो ये पांच डर आज ही अपने अंदर से निकाल दे, आइये जाने कौनसे है ये पांच डर

Jobs Haryana: सफलता के सूत्र 

आज हम बात करेगे ऐसे 5 डरों की जो मनुष्य में बिल्कुल भी नही होने चाहिए, और जहाँ तक हम अनुमान लगा सकते है इन पांचों डरों में से कोई न कोई डर आपके अंदर जरूर होगा।

यदि इन पांचों डरों में से एक भी डर आपके अंदर है तो आप अपने जीवन में कभी भी सफल होते होते भी भटक जायेगे। इसलिए इन डरों से बचने का सिर्फ एक ही तरीका है इन डरों को अपने अंदर पहचानिए और उन्हें अपने जीवन से समाप्त कर सफलता की और बढ़े।

हर व्यक्ति अपने जीवन में किसी न किसी चीज से जरूर डरता है लेकिन वह यह भूल जाता है कि किस चीज से उसे डरना है और किस चीज से नही डरना है। जिससे डरना होता है उसे वह बेफिक्र होकर करता है और जिससे डरना नही होता है उस काम से वह जीवन भर डरता रहता है।

जैसे हमे झूठ का साथ देने और बोलने से डरना चाहिए, चोरी करने या चोरी का साथ देने से डरना चाहिए, किसी का बुरा करने  या सोचेने से डरना चाहिए और किसी को धोखा देने या किसी धोखा देने वाले व्यक्ति का साथ देन से डरना चाहिए। लेकिन इन सब को करने में हमको मजा आता है और जब इसका परिणाम मिलता है तो हम जीवन भर रोते और पछताते रहते है।

तो चलिए आज जानते है इन पांच डरों के बारे में जिनको आपको अपने अंदर जरूर पहचाना चाहिए कि आपके अंदर कौनसा डर प्रभावी है।

आलोचना का डर

आलोचना का डर दुनिया का सबसे बड़ा डर है। दुनिया के ज्यादातर लोग अपने पैसन, अपने हुनर को सिर्फ इसलिए फॉलो नही करते है क्योंकि उन्हें डर लगता है लोग क्या कहेंगे। आप सोचिए कि क्या आपके अंदर यह डर है।

आप को इसके उदाहरन अपने आस पास या अपनी निजी जिन्दगी में देख सकते है।

यदि आपके अंदर भी यह डर है तो इस डर को आज ही निकाल दीजिए क्योंकि यह डर इन सभी व्यक्तियों में होता तो यह लोग आज महान नही बनते। इसलिए आप एक बात जरूर याद रखना कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना।

किसी के प्यार का खो जाने का डर

यह डर दिखता नही है लेकिन हर इंसान के अंदर जरुर पाया जाता है। हर व्यक्ति सोचता है अगर मेरा पति या पत्नी छोड़कर चली गई तो मेरा क्या होगा। यदि मेरा बॉयफ्रेंड या मेरी गर्लफ्रेंड छोड़कर चली गई तो मेरा क्या होगा। मेरे बच्चे अगर छोड़कर चले गए तो मेरा क्या होगा।

हर व्यक्ति यही सोचता है कि किसी के छोड़ कर चले जाने के कारण मेरा जीवन बर्बाद हो जाएगा। इसलिए किसी भी इंसान के अंदर यह डर किसी भी रूप में नही होना चाहिए।

अपने जीवन में सफलता कैसे पाए

क्या आप जानते है विराट कोहली जब 17 साल के थे तो उन्होंने अपने पिता को रात के 3 बजे अंतिम सांस लेते हुए देखा था। अगले दिन उनका एक बहुत ही महत्वपूर्ण मैच था। उन्होंने पहले वो मैच खेला और उसके बाद अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। क्योंकि विराट कोहली को पता था कि उनके पिता का सपना क्या है उन्होंने इस डर को खत्म किया और उन्होंने अपना और अपने पिता का सपना पूरा किया।

इसलिए आप को हमेशा एक बात याद रखनी चाहिए कि जिंदगी में कुछ पाने के लिए हमेशा कुछ खोना पड़ता है।

गरीबी का डर

जब भी आप किसी इंसान को नया धंधा खोलने के लिए कहेंगे, नई स्किल सीखने के बारे में कहंगे तो पहले तो वो अपनी गरीबी के बारे में बताएंगे और फिर बोलेंगे कि अगर में इसमें फेल हो गया तो मेरा क्या होगा। लेकिन सोचकर देखिए अगर यही डर धीरू भाई अंबानी में होता तो वो कभी भी सफल नही हो पाते।

उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के कारण वो यमन चले गए और वहां पर जाकर 300 रुपए की नौकरी करने लगे और धीरे-धीरे वो दुनिया के सफल आदमी बने और इसीलिए आज रिलायंस का नाम पूरी दुनिया जानती है।

इसलिए आप गरीबी से ना डरें बल्कि आपको सोचना चाहिए की इस गरीबी से बाहर कैसे निकला जाए। आपको एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि इंसान गरीब पैदा नही होता है बल्कि वो अपनी सोच के कारण गरीब होता है।

वृद्धावस्था या मरने का डर

कई लोग 30-35 वर्ष की आयु में ही सोचते है की अब तो हम वृद्ध हो गए है अब हम कुछ नया नही कर सकते है। यदि नेल्सन मंडेला इसी तरह की सोच रखते तो दक्षिण अफ्रीका का क्या होता।

जब नेल्सन मंडेला 46 वर्ष के थे तो उन्हें उम्र कैद की सजा हो गई थी। 27 साल तक वो जेल में रहे और 74 साल की उम्र में वह जेल से बाहर निकले और दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के इतिहास को बदल डाला। यदि वो भी ऐसी सोच रखते तो वो कभी भी सफल नही हो पाते।

सकारात्मक सोच की शक्ति और इसे कैसे विकसित करें?

इसलिए आप हमेशा एक बात जरूर याद रखना कि कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे कुछ आपके जैसा।

बीमारी का डर

कई लोग जन्म से ही दिव्यांग होते है और कई लोग परिस्थितियों के कारण दिव्यांग बन जाते है। कुछ लोग डरते है कि हमें कोई बड़ी बीमारी ना हो जाए और इसी डर की वजह से वह कुछ नया नही कर पाते है। इसी बीमारी के डर का कुछ लोग काम चुराने के लिए भी करते है, शायद आपने भी किया ही होगा। इसलिए बीमारी का डर छोड़ अपनी मंजिल पर ध्यान विकशित करेंगे तो जल्द ही कामयाबी की और बढ़ेगे।

शायद आप जानते है स्टीफन हॉकिंस जब 18 साल के थे तो उनके आधे शरीर ने काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टर्स ने कहा कि अब यह ज्यादा समय तक जीवित नही रह सकते है और धीरे धीरे उनके शरीर ने काम करना बंद कर दिया।

लेकिन उनके दिमाग ने काम करना बंद नही किया और वह चलता रहा। स्टीफन हॉकिंस ही वो आदमी है जिन्होंने ब्लैक होल थ्योरी को दुनिया के सामने लाकर रख दिया।

इसलिए आप आज ही अपने अंदर जरूर पहचाने की कौनसा डर आपके अंदर है और उन्हें आपकी जिंदगी से दूर कीजिए।

तो यह थे कुछ पांच डर जिनको आप अपने अंदर जरुर पहचानना चाहिए।

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