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2 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी, पहली बार में UPSC परीक्षा पास कर हरियाणा का राकेश बना IAS अधिकारी

Jobs Haryana कहते है कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो और मजबूत हौसला हो तो उसकी कभी भी हार नहीं होती। दूनियां में ऐसे बहुत से लोग हैं जिसको इस समाज ने नकारा समझा था और उन लोगों ने कामयाबि हासिल करके उनको गलत साबित कर दिया। आज हम आपको एक
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2 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी, पहली बार में UPSC परीक्षा पास कर हरियाणा का राकेश बना IAS अधिकारी

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कहते है कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने की इच्छा हो और मजबूत हौसला हो तो उसकी कभी भी हार नहीं होती। दूनियां में ऐसे बहुत से लोग हैं जिसको इस समाज ने नकारा समझा था और उन लोगों ने कामयाबि हासिल करके उनको गलत साबित कर दिया। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स की कहानी बताने जा रहे हैं। क्यों कि उन लोगों को कही से प्रेरणा जरूर मिली हैं। सफलता की कई कहानियां न सिर्फ आपको आकर्षित करती हैं, बल्कि भीतर से जज्बे और जुनून से भर देती हैं। ऐसी ही एक कहानी है दृष्टिबाधित आईएएस राकेश शर्मा की जिन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी पास कर न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती है। राकेश को देखकर कभी लोगों ने उनके परिवार से कहा था कि इनको अनाथ आश्रम छोड़ दो। लेकिन लोगों की बातों से बिना इत्तेफाक रखे परिवार ने बेटे का पूरा साथ दिया और इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की।

2 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी, पहली बार में UPSC परीक्षा पास कर हरियाणा का राकेश बना IAS अधिकारी

राकेश हरियाणा के भिवानी जिले में स्थित एक छोटे से गांव सांवड़ के रहने वाले हैं। राकेश की दो साल की उम्र में ही आंखों की रोशनी चले गई। लेकिन परिवार का धैर्य और आत्मविश्वास कभी नहीं टूटा। परिवार के साथ ही राकेश ने भी कभी हार नहीं मानी। लोगों ने उनकी स्थिति देखकर परिवार से कहा कि उन्हें आश्रम में डाल दें ताकि ठीक से परवरिश हो सके। लेकिन परिवार ने राकेश को आम बच्चे की तरह पाला और हमेशा उनकी हिम्मत बढ़ाई। राकेश ने अपनी आंखें दवा के रिएक्शन की वजह से खोई थी परिजनों ने राकेश का इलाज भी करवाया पर कुछ फायदा नहीं हुआ और उनका विजन पूरी तरह से चला गया।

2 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी, पहली बार में UPSC परीक्षा पास कर हरियाणा का राकेश बना IAS अधिकारी

 

राकेश को उनकी स्थिति देखकर सामान्य स्कूल में दाखिला नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई स्पेशल स्कूल में की। बारहवीं स्पेशल स्कूल से पास करने के बाद राकेश ने दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। जहां से उनके आत्मविश्वास को काफी मजबूती मिली। उनका कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में होने वाली एक्टिविटीज और शिक्षक व साथियों के प्रोत्साहन से वे न केवल जीवन के तमाम पहलुओं से वाकिफ हुए, बल्कि उनके भीतर कुछ बड़ा करने की इच्छा ने भी जन्म लिया।

2 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी, पहली बार में UPSC परीक्षा पास कर हरियाणा का राकेश बना IAS अधिकारी

‘दिल्ली नॉलेज ट्रैक’ से बातचीत करते हुए राकेश ने कई बातें साझा की हैं। उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा तैयारी से लेकर अपने जीवन के पहलुओं पर खुलकर बताया। राकेश ने साल 2018 में पहले ही प्रयास में UPSC की परीक्षा में सफलता पाई और आईएएस बने।

2 साल की उम्र में चली गई आंखों की रोशनी, पहली बार में UPSC परीक्षा पास कर हरियाणा का राकेश बना IAS अधिकारी

वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे। दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए और सोशल वर्क में मास्टर्स करने के बाद उन्होंने आईएएस बनकर देश सेवा की ठानी। उन्होंने समाज में बदलाव के लिए आईएएस बनने का सपना देखा जो कि पूरा हुआ। अपनी मेहनत के बदौलत वह पहले ही प्रयास में 608 रैंक हासिल कर IAS बन गए। राकेश कहते हैं कि माता-पिता की कृपा की वजह से ही वह यहां पहुंचे हैं। उनको शिक्षकों का भी भरपूर सहयोग मिला। दिन-रात की मेहनत ने यूपीएससी में सफलता दिलाई।

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