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No Fault Divorce Law: बिना कारण दिए भी मिल सकता है तलाक, जानें क्या है नो-फॉल्ट डिवोर्स, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

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sai baba

No Fault Divorce Law: तलाक एक मुश्किल फैसला होता है। इससे जिंदगी की राह ही बदल सकती है। यदि माता-पिता तलाक लेते हैं तो बच्चों पर भी इसका प्रभाव होता है।

वहीं अमेरिका की बात करें तो वहां हर वर्ष करीब साढ़े 4 मिलियन शादियां होती हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत रिश्ते तलाक पर खत्म होते हैं। डिवोर्स की ये प्रक्रिया बहुत लंबी होती है। 

क्या है नया कानून

अक्सर एक-दूसरे पर आरोप लगाकर ही तलाक मिल पाता है। वहीं इसी को मध्यनजर रखते हुए नया कानून बनाया है जिसको नो फॉल्ट डिवोर्स का नाम दिया गया है।  इस कानून के बाद अब शादी से नाखुश पति-पत्नी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए बिना शादी तोड़ सकते हैं। 

इस कारण ले रहे फॉल्ट डिवोर्स

ज्यादातर देशों में तलाक 'फॉल्ट थ्योरी' पर आधारित है। जब तक कि एक पक्ष, दूसरे की गलतियां नहीं गिनाएगा, तब तक तलाक नहीं मिल सकेगा। इस प्रोसेस के चलते कई बार एक पार्टी, झूठे सबूत खोजती है ताकि अलग हुआ जा सके।  ऐसे में दोनों पक्षों को ज्यादा तकलीफ होती है। बच्चे भी इसमें घसीटे जाते हैं।  कई देश इसी फॉल्ट थ्योरी को नो-फॉल्ट में बदल रहे हैं ताकि ये सारी मुश्किलें न आएं। 

कपल को 20 हफ्तों का दिया जाता है समय

ब्रिटेन सबसे ताजा उदाहरण है, जहां साल 2022 में ही नो-फॉल्ट डिवोर्स कानून में आया।  डिवोर्स, डिजॉल्यूशन एंड सेपरेशन एक्ट में ब्लेम गेम की कोई जगह नहीं।  इसमें एक पार्टी, या दोनों ही मिलकर डिवोर्स के लिए आवेदन करेंगे।

कपल को 20 हफ्तों का समय दिया जाता है, अगर वे आपस में सुलह करना चाहें। इसके बाद तलाक हो जाता है। 

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