Mughal Dark Secrets: मुगल बादशाह अपनी मर्दाना शक्ति बढाने के लिए खाते थे ये औषधि, फिर सारी रात निकलती थी चीखें
इस विषय में कई संकलन हैं, जिनमें मुग़ल शासकों के स्वादिष्ट खाने के बारे में अनेक रोचक किस्से छिपे हुए हैं। पुर्तगाली व्यापारी मैनरिक ने भी मुग़ल शासन पर एक किताब लिखी है, जिसमें वे बताते हैं कि शाहजहाँ ने पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ाया था और वह भी अपने बेगम और रखैलों के साथ हरम में भोजन करता था।
मुग़ल शासक और उनके करीबी को खाना किन्नर परोसते थे। पहले ही तय हो जाते थे कि क्या-क्या व्यंजन बनेंगे। खाना बनाने से पहले शाही हकीम तय करता था कि शाही व्यक्ति के स्वास्थ्य के हिसाब से व्यंजन बने।
डच व्यापारी फ्रैंसिस्को पेल्सार्त ने भी अपनी किताब 'जहाँगीर्स इंडिया' में मुग़लों के खाने के बारे में लिखा है। वहीं, मैनरिक ने भी अपनी किताब 'ट्रेवल्स ऑफ फ़्रे सेबेस्टियन मैनरिक' में मुग़लों के खान-पान का वर्णन किया है।
उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि मुग़लों के शाही व्यंजन रोज तय होते थे और हकीम शाही भोजन में विशेष चीजें और औषधियाँ शामिल करते थे,