पैसे लेकर सरकारी लाइसेंस देने वालों का पर्दाफाश, CM फ्लाइंग की छापेमारी में हुआ खुलासा
इस पर टीम ताऊ देवीलाल पार्क स्थित ट्रैफिक पार्क पहुंची। निरीक्षण के दौरान ट्रैफिक पार्क में रीडर विक्रम, लाइसेंस क्लर्क देवेन्द्र कुमार, कम्प्यूटर ऑपरेटर अमित कुमार, सेवादार अभिमन्यु एवं लाइसेंस अथॉरिटी उपस्थित पाये गये। पूछताछ में रीडर विक्रम सिंह ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस पास करने के लिए सहायक अधीक्षक राजस्व कार्यालय सतबीर सिंह को लगाया गया है, वह छुट्टी पर हैं, उनके स्थान पर उनकी ड्यूटी लगाई गई है।
यहां लाइसेंस क्लर्क फंस गया
जांच के दौरान पता चला कि लाइसेंस क्लर्क देवेन्द्र कुमार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों की फाइलों की जांच कर उनका टेस्ट पास करने के बाद रजिस्टर में एंट्री कर रहे हैं। जब रजिस्टर की जांच की गई तो उसमें 14 मार्च को ड्राइविंग लाइसेंस पास करने वाले कुल 105 आवेदक पाए गए।
इस सवाल का जवाब नहीं मिला
रजिस्टर में क्रमांक 3, 11, 12, 18, 19, 21, 25, 27, 28, 29 और 30 की कोई प्रविष्टि नहीं थी। जब लाइसेंस क्लर्क देवेन्द्र कुमार से इन नंबरों को खाली छोड़ने का कारण पूछा गया तो वह नहीं बता सके। संतोषजनक उत्तर दें. मौके पर ड्राइविंग टेस्ट देने वाले आवेदकों की ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन से वीडियो बनाई जा रही थी, जबकि यह वीडियो रिकॉर्डिंग कैमरे से होनी चाहिए थी।
ट्रैफिक पार्क में मिलीं ये बड़ी खामियां
ट्रैफिक पार्क का निरीक्षण करने पर ट्रैफिक पार्क में स्थित पेट्रोल पंप, कैफे, एयर पोर्ट, म्यूजियम, हॉस्पिटल, स्कूल, सड़क किनारे नदी-नाले का कोई साइन बोर्ड नहीं मिला। नदी/नाले के लिए बनी पुलिया के एक तरफ का ग्रिल नहीं मिला। लेकिन ग्रिल के निशान मौजूद मिले।
ट्रैफिक पार्क में ट्रैफिक सिग्नल भी बंद मिले। सड़क के किनारे स्पीड ब्रेकर व सेंटर लाइन की सफेद लाइन नहीं मिली। सड़क पर कई जगहों पर काफी मिट्टी और पत्तियां गिरी हुई मिलीं. जिसके कारण सड़क दिखाई नहीं दे रही थी। शौचालयों में ताला लगा मिला। पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं मिली। इस पार्क की देखरेख हुडा विभाग द्वारा की जाती है।