JJP- बागी विधायकों पर कभी भी हो सकती है कार्रवाई-----
व्हिप जारी होने के बावजूद जेजेपी विधायक विशेष सत्र में पहुंचे
12 मार्च को बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट गया था. इसके बाद शाम को नए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने पांच मंत्रियों के साथ शपथ ली. 13 मार्च को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के लिए सीएम सैनी ने सदन में एक विशेष सत्र बुलाया था. इस सत्र में जेजेपी ने व्हिप जारी कर पार्टी विधायकों को अनुपस्थित रहने को कहा था.
जानिए किन विधायकों पर हो सकती है कार्रवाई?
इसके बाद भी पूर्व पंचायत मंत्री देवेन्द्र बबली सहित नारनौंद से रामकुमार गौतम, नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा, बरवाला से जोगीराम सिहाग और गुहला चीका से ईश्वर सिंह सदन में पहुंचे थे। हालांकि वोटिंग के वक्त वह बाहर चले गये थे. कोई भी कार्रवाई करने से पहले पार्टी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगी. अगर विधायक नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो पार्टी कानूनी राय लेकर कार्रवाई करेगी. इसके लिए पार्टी विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भी लिखेगी. खास बात यह है कि ये विधायक जेजेपी की हिसार में हुई नवसंकल्प रैली में भी शामिल नहीं हुए थे.
इससे पहले इनेलो के 5 विधायकों को सदस्यता दिलाई गई थी.
इससे पहले साल 2019 में इनेलो के पांच बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. इनेलो विधायक रहते हुए जेजेपी के कार्यक्रमों में शामिल होने पर इनेलो ने स्पीकर से शिकायत की थी। शिकायत पर सुनवाई करते हुए विधानसभा स्पीकर कंवर पाल ने पांचों विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी.