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Rule Changes for Government Jobs- हरियाणा में नौकरियों के लिए बदले नियम, जानिये क्या है नया नियम ?

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Rule Changes for Government Jobs

Haryana Jobs New Rule: हरियाणा सरकार ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ग्रुप-सी और ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए होने वाली सामान्य पात्रता परीक्षा के नियमों में संशोधन किया है। नए नियमों के तहत सामाजिक-आर्थिक आधार पर मिलने वाले 10 अंकों को घटाकर 5 कर दिया है। अब विवाहित भाई को परिवार से अलग कर दिया है और विवाहित लड़की का परिवार उसका ससुराल माना जाएगा।

पहले विवाहित भाई सरकारी नौकरी पर हो तो आवेदक को सामाजिक आर्थिक आधार पर अंक नहीं मिलते थे। इसी तरह विवाहित लड़की के मायके में कोई सरकारी नौकरी पर है तो उसे अतिरिक्त अंकों से वंचित रहना पड़ता था। नए नियमों से हरियाणा के लाखों युवाओं पर प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि फरवरी में सीईटी की परीक्षा होनी है और करीब 22 हजार नए पदों पर आवेदन मांगे जाने हैं।

नियुक्ति के लिए जीवनभर में केवल एक बार लाभ लिया जा सकेगा। नोटिफिकेशन के अनुसार, पहले से भारत सरकार या फिर हरियाणा सरकार में तैनात व्यक्ति यदि नौकरी छोड़ देता है तो उसे सामाजिक आर्थिक के अतिरिक्त अंकों का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही उसके परिवार का कोई सदस्य भी नौकरी छोड़ चुका है तो भी आवेदक को अतिरिक्त अंक नहीं मिलेंगे।

अब लिखित परीक्षा 95 अंकों की होगी और अभ्यर्थियों को केवल 5 अंकों का ही अतिरिक्त लाभ मिल पाएगा। पहले लिखित परीक्षा 90 अंकों की होती थी। गौरतलब है कि अभी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर 10 अंक मिलते थे। जिनके घर में सरकारी नौकरी नहीं है उनको 5 और जिसके पिता या फिर पति की मौत हो चुकी है उसको 5 अतिरिक्त अंक मिलते थे।  इसके साथ ही अब अनुभव के अंक भी 8 से घटाकर 4 कर दिए हैं। नए नियमों के तहत अभ्यर्थी केवल एक कैटेगरी में अतिरिक्त अंकों का लाभ ले सकता है। 

महिला आवेदक, उसका पति, सास, ससुर और अविवाहित देवर-जेठ और पुत्र अगर नौकरी पर नहीं है तो उसे 5 अंक मिलेंगे। इसी प्रकार, अविवाहित महिला का परिवार उसका माता, पिता और अविवाहित भाई होगा। तलाकशुदा महिला का परिवार उसका पिता, माता, अविवाहित भाई और बेटे होंगे। वहीं, पुरुष उम्मीदवार के परिवार से अभिप्राय उसके माता-पिता और अविवाहित भाई होंगे। 

5 अतिरिक्त अंकों का लाभ केवल उनको मिलेगा, जो हरियाणा निवासी हैं। जिनके घर में कोई सरकारी नौकरी नहीं है। साथ ही पूर्व के वित्तीय वर्ष में आवेदक के परिवार की आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। इनकी पुष्टि परिवार पहचान पत्र के डाटा से की जाएगी।

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