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आधार वेरिफिकेशन के लिए नया नियम जारी, अब ऐसे होगा ये काम

सरकार की ओर से जारी नया नियम आधार होल्डर को यह अधिकार देता है कि वह वेरिफिकेशन एजेंसी को इस बात के लिए मना कर सकता है कि उसका कोई भी ई-केवाईसी डेटा स्टोर न किया जाए।
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आधार वेरिफिकेशन को लेकर सरकार ने एक नया नियम जारी किया है। यह नया नियम आधार के ऑफलाइन वेरिफिकेशन को लेकर है। अब लोग अपने आधार को ऑफलाइन या बिना किसी इंटरनेटर या ऑनलाइन के भी वेरिफिकेशन कर सकेंगे। इसके लिए डिजिटल तौर पर हस्ताक्षर किया गया दस्तावेज देना होगा। 


यह डिजिटली साइन्ड दस्तावेज आधार की सरकारी संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) की ओर से जारी होना चाहिए। इस दस्तावेज पर यूजर के आधार नंबर के अंतिम चार अक्षर दिए रहते हैं।

सरकार ने 8 नवंबर 2021 को आधार (प्रमाणीकरण और ऑफ़लाइन सत्यापन) विनियम, 2021 (विनियम) को अधिसूचित किया और 9 नवंबर 2021 को उन्हें आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया। ये नियम ई-केवाईसी (e-kyc) के लिए आधार के ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन की डिटेल प्रोसेस के बारे में बताते हैं। यहां केवाईसी का अर्थ ‘ग्राहक को जानिए’ से है जो पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक होगा। इसलिए इसका नाम ई-केवाईसी दिया गया है।

नए नियम में क्या करना होगा


इस नए नियम में आधार होल्डर को एक विकल्प मिलता है कि वह आधार ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के प्रोसेस के लिए अपने आधार पेपरलेस ऑफलाइन e-KYC को किसी अधिकृत एजेंसी को दे सकता है। इसके बाद वह एजेंसी आधार होल्डर की ओर दिए गए आधार संख्या और नाम, पता आदि को सेंट्रल डेटाबेस के साथ मिलान करता है। अगर मिलान सही पाया जाता है तो वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दी जाती है।

आधार पेपरलेस ऑफलाइन ई-केवाईसी का मतलब उस डिजिटली साइन्ड दस्तावेज से है जो यूआईडीएआई की ओर से जारी किया जाता है। इस दस्तावेज में आधार नंबर के अंतिम 4 अक्षर, नाम, लिंग, पता, जन्मतिथि और फोटो की जानकारी होती है। सरकार की ओर से जारी नया नियम आधार होल्डर को यह अधिकार देता है कि वह वेरिफिकेशन एजेंसी को इस बात के लिए मना कर सकता है कि उसका कोई भी ई-केवाईसी डेटा स्टोर न किया जाए। 

जब वेरिफिकेशन करनी हो तभी ई-केवाईसी डेटा का इस्तेमाल होगा, वरना एजेंसी आधार होल्डर की कोई जानकारी अपने पास नहीं रखेगी। यूजर के कहने पर आधार वेरिफिकेशन एजेंसी को सभी डेटा हटाने होंगे और इसके बारे में यूजर को एकनॉलेजमेंट देना होगा।

ऑफलाइन आधार वेरिफिकेशन के प्रकार

  • नियमों के अनुसार, UIDAI निम्नलिखित प्रकार की ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन सेवाएं प्रदान करेगा:
  • क्यूआर कोड वेरिफिकेशन
  • आधार पेपरलेस ऑफलाइन ई-केवाईसी वेरिफिकेशन
  • ई-आधार वेरिफिकेशन
  • ऑफलाइन पेपर आधारित वेरिफिकेशन
  • यूआईडीएआई द्वारा समय-समय पर शुरू किए गए ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन का कोई अन्य तरीका
  • यूआईडीएआई क्यूआर कोड, आधार पेपरलेस ऑफलाइन ई-केवाईसी या ई-आधार डाउनलोड करने के लिए मोबाइल एप्लिकेशन, वेबसाइट या अन्य माध्यम मुहैया कराता है

आधार वेरिफिकेशन के तरीके


ऑनलाइन आधार वेरिफिकेशन के लिए कई अन्य मौजूदा सिस्टम हैं। आधार वेरिफिकेशन के विभिन्न तरीके निम्नलिखित हैं जो ऑफ़लाइन विकल्पों के साथ मौजूद हैं:

डेमोग्राफिक ऑथेंटिकेशन

  • वन-टाइम पिन आधारित ऑथेंटिकेशन
  • बॉयोमेट्रिक आधारित ऑथेंटिकेशन
  • मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन

सरकार ने आधार वेरिफिकेशन ई-केवाईसी प्रक्रिया को ऑफ़लाइन या ऑनलाइन मोड के माध्यम से आधार वेरिफिकेशन के काम को अधिक सुविधाजनक बना दिया है। आधार डेटा को वेरिफाई करने वाली अधिकृत एजेंसियां ​​कोई भी उपयुक्त ऑथेंटिकेशन मोड चुन सकती हैं और सुरक्षा बढ़ाने के लिए मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प भी चुन सकती हैं

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