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पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 33 साल में पहली बार किसी मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई

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पूर्व सांसद धनंजय सिंह को 33 साल में पहली बार किसी मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई
जौनपुर सांसद धनंजय सिंह को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल से जिला न्यायालय में पेशी के लिए लाया गया। अपहरण, धमकी और रंगदारी के मामले में एसटीपी प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंगल को एमपी एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को दोषी पाया। आज उनकी सजा पर बहस के बाद कोर्ट ने उन्हें 7 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. ऐसे में अब वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण मामले में धनंजय सिंह और उनके सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को दोषी पाया गया है. कोर्ट ने उन पर आरोप साबित होने के बाद सजा का ऐलान किया है.

क्या था पूरा मामला
मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को लाइन बाजार थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम के खिलाफ अपहरण, रंगदारी व अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि रविवार शाम पूर्व सांसद धनंजय सिंह अपने सहयोगी विक्रम सिंह और दो लोगों के साथ पचहटिया स्थित साइड पर पहुंचे। वहां वादी को फॉर्च्यूनर कार में अगवा कर पूर्व सांसद के आवास मोहल्ला कालीकुट्टी ले जाया गया। वहां धनंजय सिंह पिस्तौल लेकर आये और गाली-गलौज करते हुए वादी की कंपनी पर निम्न गुणवत्ता की सामग्री देने का दबाव बनाने लगे. जब वादी ने मना किया तो उसने धमकी दी और रंगदारी की मांग की.

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