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Chandigarh News: चंडीगढ़ के बाइक सवारों को बड़ा झटका, जून के बाद नहीं बिकेंगी नई बाइक, जानिए पूरी खबर

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sai baba

Chandigarh News: चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति के मुताबिक जून के बाद शहर में पेट्रोल बाइकों की बिक्री बंद हो जाएगी। अगर किसी ने बाइक खरीद भी ली तो चंडीगढ़ में उसका पंजीकरण नहीं होगा, क्योंकि ईवी नीति के मुताबिक साल 2023-24 का लक्ष्य जून में पूरा हो सकता है। 

इसके बाद हमेशा के लिए चंडीगढ़ में सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइकें ही बिकेंगी और उनका रजिस्ट्रेशन होगा। इससे सभी की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।ईवी नीति के वर्ष 2023-24 के लक्ष्य के अनुसार शहर में करीब 6200 पेट्रोल बाइकें पंजीकृत हो सकती हैं। 

इसके बाद पेट्रोल बाइकों का पंजीकरण बंद हो जाएगा। सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइकों का पंजीकरण ही होगा। सिर्फ डेढ़ महीने में ही करीब 3700 बाइकें पंजीकृत हो चुकी हैं। ऐसे में अब सिर्फ करीब 2500 पेट्रोल बाइकें ही पंजीकृत होंगी। इससे दोपहिया वाहनों के शोरूम मालिकों में अफरा-तफरी का माहौल है। बाइक बिकनी बंद होंगी तो कई शोरूम भी बंद करने पड़ेंगे। 

हजारों लोगों के बेरोजगार होने की भी संभावना है। दोपहिया वाहन डीलर प्रशासन के अधिकारियों से लेकर मंत्रालय तक के चक्कर काट रहे हैं। 

ईवी नीति को चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी (क्रेस्ट) ने बनाया है, जिसे सेक्टर-17 की रजिस्टरिंग एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी (आरएलए) की ओर से लागू किया जाता है। 

आरएलए ने प्रशासन को जानकारी दे दी है कि नीति के लक्ष्यों के अनुसार वह कुल करीब 6200 पेट्रोल बाइकों का ही पंजीकरण कर पाएंगे, जिसमें से अधिकतर बाइकें अब तक पंजीकृत हो भी चुकी हैं। 

आपको बता दें कि एकाएक बाइकें बंद करने से प्रशासन को भी करोड़ों के रोड टैक्स का नुकसान होगा।वहीं ईवी पेट्रोल-डीजल से 50 से 60 फीसदी महंगी है। एक अच्छी ई-बाइक 1.25-1.50 लाख रुपये से कम नहीं है। चार पहिया में तो 10-12 लाख से कम की गाड़ी है ही नहीं। बैटरी में आग लगने जैसी कई घटनाओं के बाद लोग भी अभी पूरी तरह से ईवी खरीदने के लिए तैयार नहीं हुए हैं। 

मारुति जैसी कंपनियों ने अभी तक अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ी लांच नहीं की है। 

प्रशासन के साथ बीते दिनों हुई बैठक में एक अन्य कारोबारी राम कुमार गर्ग ने भी नीति पर काफी सवाल उठाए थे और पुनर्विचार की मांग की थी।नीति के अनुसार वर्ष 2022-23 के लिए पेट्रोल दोपहिया वाहन रजिस्टर करने का लक्ष्य 65 फीसदी रखा गया था। 

ये लक्ष्य 10 फरवरी तक पूरा हो गया, जिसके बाद प्रशासन ने आदेश जारी कर एक अप्रैल तक शहर में पेट्रोल बाइकों के पंजीकरण पर रोक लगा दी थी। 

इसके बाद डीलर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट गए, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली थी। प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल के साथ भी बैठक की थी, लेकिन उसका कोई खास फर्क नहीं पड़ा था।शहर में दोपहिया वाहनों का बिजनेस बहुत बड़ा है। कुल करीब 15 बड़े डीलर्स है और उसके आगे दर्जनों सब डीलर्स हैं। 

इनमें रॉयल इनफील्ड, होंडा, टीवीएस, बजाज, हीरो के दो डीलर हैं और यामाहा, सुजुकी, जावा, हार्ले, ट्रंफ, कावासाकी, इंडियन, बीएमडब्ल्यू के एक-एक डीलर है।इन सभी शोरूम व अन्य कामों से करीब 6000 परिवार सीधे तौर पर जुड़े हैं।

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