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हरियाणा में गठबंधन तोड़ने की गेंट बीजेपी ने जेजेपी के पाले में डाली, बीजेपी सभी 10 सीटों पर उतारेगी प्रत्याशी

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हरियाणा में गठबंधन तोड़ने की गेंट बीजेपी ने जेजेपी के पाले में डाली, बीजेपी सभी 10 सीटों पर उतारेगी प्रत्याशी

लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सीट बंटवारे को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं. हाल ही में बीजेपी ने 195 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है. अब कई राज्यों में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी हरियाणा में अकेले चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है.

बीजेपी हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. इसको लेकर प्रदेश की ओर से केंद्रीय नेतृत्व को फीडबैक भी दिया गया है.

बीजेपी ने 2019 में हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। वर्तमान में बीजेपी के 9 सांसद हैं, एक अंबाला सीट सांसद के निधन के कारण खाली है।

ये है हरियाणा में बीजेपी का प्लान
खास बात यह है कि बीजेपी हरियाणा में बिना किसी गठबंधन के लोकसभा में उतरने की तैयारी कर रही है. बीजेपी प्रदेश की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारकर गेंद जेजेपी के पाले में डालेगी, ताकि ये संदेश न जाए कि बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन तोड़ दिया है.

बीजेपी का मानना है कि 10 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने के बाद जेजेपी को गठबंधन पर फैसला करना होगा कि वह सरकार में रहना चाहती है या नहीं.

यह फीडबैक दिल्ली भेजा गया
हरियाणा को लेकर प्रदेश स्तर पर केंद्रीय नेतृत्व को फीडबैक दे दिया गया है. बताया गया है कि हरियाणा में माहौल फिलहाल बीजेपी के पक्ष में है. अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोगों के बीच एक अच्छा संदेश गया है. हाल ही में पार्टी स्तर पर हुए एक सर्वे में 70 फीसदी से ज्यादा लोगों ने इस फैसले को सराहा है. इसके अलावा सभी 10 लोकसभा सीटों पर संभावित मजबूत दावेदारों का डेटा भी दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि सभी सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की जीत तय है.

विधानसभा में अधिक सीटें देंगे
बीजेपी नेतृत्व ने जेजेपी को लेकर बी-फॉर्मूला भी बनाया है. इसमें बीजेपी जेजेपी को कोई भी लोकसभा सीट देने के बजाय विधानसभा चुनाव में उसे ज्यादा सीटें दे सकती है. मनोहर सरकार के मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने भी शनिवार को कहा कि उन्हें लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की कोई संभावना नहीं दिखती. इसके अलावा हाल ही में हरियाणा में बीजेपी अध्यक्ष नायब सैनी ने भी कहा है कि पार्टी सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.

बीजेपी को दोनों तरह से फायदा है
हरियाणा में छोटी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग का क्या फायदा होगा? इस सवाल के जवाब में राजनीतिक विश्लेषक दो बड़े कारण गिनाते हैं.

पहला कारण- अगर जेजेपी लोकसभा सीट जीतती है तो राज्य में बीजेपी को एक मजबूत सहयोगी मिल जाएगा. जेजेपी का वोट बैंक जाटों में है जो बीजेपी को पसंद नहीं करते. अगर लोकसभा चुनाव में जेजेपी की वजह से बीजेपी को जाटों का आधा फीसदी वोट भी मिल गया तो ये फायदे का ही काम करेगा.

दूसरा कारण- अगर लोकसभा चुनाव में जेजेपी का उम्मीदवार हार जाता है तो बीजेपी को लोकसभा चुनाव के छह महीने बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में गठबंधन तोड़ने या उससे बातचीत करने का बहाना मिल जाएगा. ऐसे में बीजेपी जेजेपी पर अपना दबाव बढ़ा सकेगी. फिलहाल जेजेपी के 10 विधायक मनोहर सरकार के साथ हैं. लोकसभा चुनाव में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं रहने पर अगर बीजेपी जेजेपी से गठबंधन तोड़ने की दिशा में आगे बढ़ती है तो भी 5 निर्दलीय विधायकों की मौजूदगी से सरकार को कोई खतरा नहीं होगा.

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