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कुलदीप बिश्नोई को एक और झटका, राहुल गांधी से नहीं मिल सके

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कुलदीप बिश्नोई को एक और झटका, राहुल गांधी से नहीं मिल सके
 हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक कुलदीप बिश्नोई को एक और झटका लगा है। सोमवार को उनकी कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात नहीं हो सकी. बताया जा रहा है कि उन्हें राहुल गांधी से मिलने का वक्त नहीं मिल सका. इसके साथ ही कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल नहीं हो सके. वह कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया.

आपको बता दें कि कुलदीप बिश्नोई की सोमवार को दिल्ली में पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात की चर्चा थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने कुलदीप को मिलने का वक्त भी नहीं दिया. यहां तक कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी विशेष रूप से आमंत्रित सदस्यों को नहीं बुलाया गया. इसके चलते कुलदीप बिश्नोई इसमें शामिल नहीं हो सके और वह अपने दिल्ली आवास पर भी नहीं थे. बताया जा रहा है कि राहुल से समय न मिल पाने के कारण कुलदीप दिल्ली से बाहर चले गये हैं.

कुलदीप बिश्नोई के गोल्फ लिंक आवास पर कोई गतिविधि नहीं थी. पिछले एक सप्ताह से कुलदीप के गोल्फ लिंक स्थित आवास पर बड़ी संख्या में समर्थक जुटे हुए थे. 2005 के बाद कांग्रेस आलाकमान की बेरुखी के चलते एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल का परिवार सियासी चौराहे पर खड़ा नजर आ रहा है.

2005 में जब कांग्रेस आलाकमान ने तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भजन लाल को नजरअंदाज कर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री नियुक्त किया तो भजन लाल और उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई की स्थिति भी कमोबेश वैसी ही थी. उस समय भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई हुड्डा सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे, लेकिन कुलदीप ने कांग्रेस का विरोध करते हुए 2007 में हरियाणा जनहित कांग्रेस का गठन किया।

2009 में कुलदीप की पार्टी के छह विधायक चुने गए लेकिन उनमें से पांच कांग्रेस में चले गए. इसके बाद कुलदीप ने 2014 में बीजेपी से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन 2016 में उन्होंने अपनी पार्टी का वापस कांग्रेस में विलय कर लिया.

प्रदेश कांग्रेस में बदलाव से पहले कुलदीप दावा कर रहे थे कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा, लेकिन हाईकमान ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश कांग्रेस की कमान भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को दे दी. अब कुलदीप 2007 की तरह कांग्रेस से अलग राह चुन सकते हैं. उनके राजनीतिक विकल्प को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.

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