Advocate Harvinder Kaur Success Story: छोटा कद देख लोग बनाते थे मजाक, आज ओहदे को देख लोग कर रहे हैं सलाम

Jobs Haryana, Advocate Harvinder Kaur Success Story हर व्यक्ति अपने समाज और क्षैत्र में खुद की एक पहचान बनाना चाहता है और उसकी पहचान होती है उसके ओहदे से। अगर आपका पद बडां हैं तो कद कितना बडा़ है ये मायने नही रखता है। चाहे हम कैसे भी दिखते हों, हमारा फैमिली बैकग्राउंड कैसा भी
 
Jobs Haryana, Advocate Harvinder Kaur Success Story

हर व्यक्ति अपने समाज और क्षैत्र में खुद की एक पहचान बनाना चाहता है और उसकी पहचान होती है उसके ओहदे से। अगर आपका पद बडां हैं तो कद कितना बडा़ है ये मायने नही रखता है। चाहे हम कैसे भी दिखते हों, हमारा फैमिली बैकग्राउंड कैसा भी हो, या फिर शारीरिक बनावट कैसी भी हो, इन सब बातों से ज़्यादा मायने रखता है कि हम अपने लक्ष्य को पाने के लिए कितनी मेहनत और लगन से अपने कार्य रहे हैं।

आज हम एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने अपने छोटे कद के कारण कभी लोगों की हंसी का पात्र बनी थी। लेकिन उसने अपनी मेहनत और लगन से आज एक ऐसा मुकाम हासिल कर लिया है कि जिसे देख कर हर कोई उसकी तारिफ कर रहा है। इन महिला वकील का नाम है हरविंदर कौर (Advocate Harvinder Kaur), जो जालंधर कोर्ट की वकील हैं, चलिए जानते हैं इनकी पूरी कहानी

हरियाणा में रामामंडी की रहने वाली 24 वर्षीय हरविंदर कौर (Advocate Harvinder Kaur) उर्फ रुबी की हाइट 3 फुट 11 इंच है। उन्होंने बताया कि जब वे बहुत छोटी थी, तभी से उन्होंने एयर होस्टेस बनने का सपना देखा था, परंतु उनकी हाइट कम होने की वज़ह से एयर होस्टेस बनने का उनका सपना अधूरा रह गया था। दरअसल हरविंदर की हाइट ग्रोथ बचपन से ही बहुत धीमी थी। उन्होंने बहुत से चिकित्सकों से अपना इलाज़ भी करवाया और मेडिटेशन थेरेपी इत्यादि भी कराई लेकिन इन सब का उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, इसलिए उन्होंने एयर होस्टेस बनने के बारे में छोड़ दिया।

हरविंदर ने बताया कि उसका कद छोटा होने की वज़ह से अक्सर लोग उनका मज़ाक उड़ाया करते थे और बहुत तरह के ताने भी देते थे। उनसे कहा जाता था कि उनसे यह नहीं होगा। इस प्रकार से लोगों के ताने और उनकी बातों को नजरअंदाज करके उन्होंने सोच लिया था कि अब वे जीवन में कुछ बनकर दिखाएंगी। इसके बाद उन्होंने 12कक्षा पुर करके फिर वकालत करने का सोचा।

हरविंदर कौर बताती हैं कि पहले जब लोग उनका मज़ाक उड़ाते थे तो वे बहुत परेशान हो जाती थी और लोगों के बीच खुद को हंसी का पात्र बनता देख उसके मन में नकारात्मक विचारों आने लग जाते थे। एक बार तो वे इन सब से इतना तंग आ गई थीं कि वह रूम में बंद होकर रहने लगी और उनके मन में मरने का भी विचार आने लगे थे। उन्हें लगा जैसे उनकी ज़िन्दगी बोझ बन गई है। फिर जब उन्होंने कॉलेज में एडमिशन लिया उस समय उनके जीवन में परिवर्तन आया और वे पॉजीटिव रहने लगीं।

 

हरविंदर ने जब 12वीं कक्षा का एग्जाम दिया उसके बाद लोगों के ताने सुनकर बाद वह पूरा दिन घर में रहकर सोशल मीडिया पर मोटीवेशनल वीडियो देखा करती थी जिससे उनका हौसला बढ़ता था। फिर उन्होंने तय कर लिया कि उन्हें लोगों की इन दकियानूसी बातों पर ध्यान नहीं देना है और वे जैसी हैं ख़ुद को वैसे ही स्वीकार करना है। हरविंदर कौर ने अपने आप को साबित करने के लिए वकील बनने का निश्चय किया और फिर लॉ फील्ड की तैयारी में जुट गईं।

सोशल मीडिया पर उन्हें लोगों से बहुत प्यार और प्रोत्साहन मिला, जिससे उन्हें हिम्मत मिलती थी। वे अपने बारे में सोशल मीडिया पर अच्छे और बुरे कमेंट पढ़ती थीं, लेकिन बुरे कमेंट का प्रभाव नहीं पड़ने देती थीं, क्योंकि ऐसा सुनने की तो उन्हें आदत हो गई थी, पर अच्छे कमेंट पढ़कर वे आगे बढ़ने को प्रोत्साहित होती थीं।

हरविंदर कौर (Advocate Harvinder Kaur) बताती हैं कि अब भी उन्हें बहुत बार लोग बच्ची समझ लेते हैं। ऐसा ही एक वाकया बताते हुए वह कहती हैं कि एक बार तो जब वे कोर्ट रुम गईं तो रीडर सर ने उनसे कहा कि कोर्ट में वकील की ड्रैस पहना कर बच्चे को क्यों लेकर आए हो। इस पर उनके एक साथी वकील ने कहा कि वह भी वकील है। बहुत से लोग उन्हें अब भी बच्चा समझ कर टॉफी और चॉकलेट दे दिया करते हैं।

हरविंदर (Advocate Harvinder Kaur) ने अपने दर्द को भीतर दबाया और समाज की परवाह ना करते हुए अपनी मंज़िल की ओर बढ़ती गईं। इस तरह से वे देश की सबसे छोटे कद की वकील बन गई हैं और अब जज बनने की तैयारी कर रहीं हैं।