पहले ही प्रयास में रैंक 1 से यूपीएससी क्लियर कर हरियाणा की अनुज नेहरा बनी डिप्टी कलेक्टर, सफलता के लिए ऐसे की थी तैयारी

Jobs Haryana, Success Story Of UPSC Topper Anuj Nehra अक्सर कहते हैं कि लगातार असफलताओं के कारण भी हार ना मानने वाले ही एक दिन इतिहास रचते हैं।ऐसी ही कहानी है यूपीपीएससी 2018 (UPPSC 2018) में रैंक 1 हासिल कर के डिप्टी कलेक्टर बनने वाली अनुज नेहरा की। अनुज हरियाणा के पानीपत की रहने वाली
 

Jobs Haryana, Success Story Of UPSC Topper Anuj Nehra

अक्सर कहते हैं कि लगातार असफलताओं के कारण भी हार ना मानने वाले ही एक दिन इतिहास रचते हैं।ऐसी ही कहानी है यूपीपीएससी 2018 (UPPSC 2018) में रैंक 1 हासिल कर के डिप्टी कलेक्टर बनने वाली अनुज नेहरा की। अनुज हरियाणा के पानीपत की रहने वाली हैं। अनुज ने ये सफलता अपने पहले प्रयास में प्राप्त की है। अनुज ने अपना ग्रेजुएशन केमिस्ट्री में किया है। उन्होंने 2014 से ही यूपीएससी (UPSC) की तैयारी शुरू कर दी थी।

हालांकि, अनुज ने यह सफलता अपने पहले प्रयास में हासिल की है, लेकिन डिप्टी कलेक्टर बनने का यह सफ़र उनके लिए आसान नहीं था। यूपीपीएससी (UPPSC) की परीक्षा से पहले अनुज ने कई बार यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा में भाग लिया था लेकिन कभी प्रीलिम्स तो कभी मेन्स में असफलता हाथ लगी। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और यूपीपीएससी (UPPSC) 2018 में पहली बार बैठी और सफलता प्राप्त की।

अनुज नेहरा ने बताया कि उन्हें टॉप करने की उम्मीद नहीं थी, हालांकि परीक्षा अच्छी हुई थी। पांच साल से औसतन 10 घंटे की रोज पढ़ाई की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पिता अश्बीर सिंह, मां ऊषा नेहरा और भाई डॉ। विकास नेहरा को दिया। उन्होंने कहा कि माता-पिता और भाई प्रेरणास्त्रोत हैं। जिन्होंने हमेशा सहयोग किया। उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित किया। अनुज का परिवार मूलरूप से गांव जौली (सोनीपत) का रहने वाला है और लंबे समय से पानीपत में रह रहे हैं।

फौज में हवलदार से पद से सेवानिवृत्त पिता अश्बीर सिंह ने कहा कि हम कम पढ़े लिखे हैं लेकिन बेटी ने सारी कमी पूरी कर दी। बेटी की सफलता से इतनी खुशी हुई है कि बता नहीं सकते।

असफलताओं को मेहनत और ईमानदार से हराया जा सकता है। असफलताओं से हार नहीं मानें। यह कहना है कि यूपी पीसीएस परीक्षा में प्रथम रैंक लाने वाली पानीपत की अनुज नेहरा का। यूपीएससी और एचसीएस की परीक्षा में असफलता के बावजूद अनुज ने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि यह मेरा पहला प्रयास था लेकिन जो कर रही थी, उस पर विश्वास था। डिमॉरिलाइजेशन और डिमोटिवेशन के केस भी आते हैं लेकिन इन चीजों को आसानी से लेना चाहिए। असफलताएं देखने को मिलती हैं लेकिन मेहनत पर विश्वास करना चाहिए।

अनुज कहती हैं कि परीक्षा के आंसर राइटिंग भाग में डायग्राम और मैप का इस्तेमाल करना बेहतर होगा और अच्छे अंक मिल सकते हैं। इसके साथ ही वो अपनी स्ट्रैटजी के विषय में बताती हैं कि नोट्स बनाना बेहद जरूरी है। अनुज का मानना है कि असफलताओं के बीच भी ख़ुद पर भरोसा रखना बेहद ज़रूरी है। उनका कहना है कि सफलता प्राप्त करने के रास्ते में कभी – कभी काफी समय लग जाता है।