महज 21 साल की उम्र में जेताराम राम ने खड़ी कर दी 215 करोड़ की कंपनी, जानिए राजस्थान के इस होनहार युवक की कहानी

Jobs Haryana, Success Story Of Jetaram Ram Chaudhary कहते हैं कि मेहनत करने वालों की कभी हार नही होती है लेकिन सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ-साथ स्वयं पर विश्वास भी होना बहुत जरूरी है। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपनी मेहनत और खुद
 

Jobs Haryana, Success Story Of Jetaram Ram Chaudhary

कहते हैं कि मेहनत करने वालों की कभी हार नही होती है लेकिन सफलता पाने के लिए मेहनत के साथ-साथ स्वयं पर विश्वास भी होना बहुत जरूरी है। आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे है जिसने अपनी मेहनत और खुद पर विश्वास से महज 21 साल की उम्र में बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है।


राजस्थान के बाड़मेर शहर के रहने वाले जेताराम चौधरी (Jeta Ram Choudhary) एएसबी डिजिटल सॉल्यूशंस (ASB Digital Solution) के फाउंडर और सीईओ बन गए हैं। जेताराम चौधरी के एंटरप्रेन्योर बनने और सफलता पाने की यात्रा इतनी आसान नहीं रही है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए जेताराम चौधरी ने कड़ी मेहनत की है। जेताराम चौधरी ने कामकाज की शुरुआत जीरो से की है और प्रतिभा दिखाने या नई कुशलता सीखने का मौका पाने से पहले जेताराम


जेताराम राम चौधरी बताते हैं कि उनको कंप्यूटर में बहुत दिलचस्पी थी लेकिन कंप्यूटर जैसी कुशलता सीखने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इसके बाद भी उन्होंने तकनीक में दिलचस्पी होने की वजह से कंप्यूटर में एक्सपर्टाइज हासिल करने की कोशिश की। उसी के बूते आज वे सफलता के नए मुकाम खड़े कर रहे हैं।
जेताराम चौधरी की सफलता

राजस्थान के बाड़मेर के रहने वाले जेताराम चौधरी ने अपनी कड़ी मेहनत और स्वयं पर विश्वास की बदौलत आज 215 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी कर दी है। जेताराम के परिवार में किसी के पास कंप्यूटर नहीं था, पड़ोसी के घर में उन्होंने पहली बार कंप्यूटर देखा। जेता राम चौधरी के पास कंप्यूटर संबंधी कुशलता हासिल करने के लिए कोचिंग क्लास के भी पैसे नहीं थे। यहीं से कुछ अलग कर गुजरने की चाहत ने जेताराम को आज उस मुकाम पर पहुंचा दिया, जहां तक पहुंचने के बारे में आम व्यक्ति सोच भी नहीं सकता। इसके बाद भी जेताराम ने कठिन मेहनत कर एएसबी डिजिटल सॉल्यूशंस नाम की एक कंपनी 25 जुलाई 2018 को रजिस्टर कराई है।

जेताराम ने 12वीं की पढ़ाई के दौरान पड़ोसी के घर में कंप्यूटर देखा था और उस बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद कंप्यूटर को अपना भविष्य मानते हुए जेताराम ने कंप्यूटर सेंटर पर काम सीखना शुरू कर दिया। परिवार के लोगों ने कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से जेताराम को आगे की पढ़ाई के लिए जयपुर भेजने से मना कर दिया। परिवार वालों के इस कदम के बाद भी जेताराम ने कंप्यूटर सेंटर पर काम सीखना जारी रखा और अपनी काबिलियत की वजह से सफलता की नई कहानी लिखी है।

जेताराम की कंपनी एएसबी डिजिटल सॉल्यूशंस आधार केवाईसी से रकम निकासी, मनी ट्रांसफर, बिल भुगतान, मिनी एटीएम, टिकट बुकिंग, टू व्हीलर इंश्योरेंस, ईमित्र जैसी डिजिटल सेवाएं दे रही है। जेताराम ने अपने जुनून को पूरा करने के बारे में कहा, “अगर आप खुद से ईमानदार नहीं हैं तो आप सफल नहीं हो सकते। आपको हमेशा जीवन में सकारात्मक रहने की जरूरत है। आगे बढ़ते रहने से ना सिर्फ आप नई चीजें सीखते हैं, साथ में आपके अंदर सकारात्मकता भी आती है। जीवन में हार-जीत लगी रहती है, लेकिन आपको हमेशा आशावादी बने रहना है।

जेताराम चौधरी ने एएसबी डिजिटल सॉल्यूशंस की शुरुआत अकेले ही की थी, लेकिन अब कंपनी के 4000 से अधिक फ्रेंचाइजी काम कर रहे हैं। राजस्थान में जेताराम की कंपनी ने 72 से अधिक हिताची एटीएम लगवाए हैं। जोधपुर में जेताराम ने कॉरपोरेट दफ्तर बनाया है जिसमें उनके सभी स्टाफ बैठते हैं। जेताराम का उद्देश्य भारत के हर गांव में डिजिटल केंद्र की फ्रेंचाइजी उपलब्ध कराने के माध्यम से डिजिटल भुगतान एवं अन्य सेवा आसानी से मुहैया कराना है।

इस समय जेताराम चौधरी की एएसबी सॉल्यूशन राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार जैसे राज्यों में काम कर रही है। जेताराम का लक्ष्य देश में 20 लाख से अधिक फ्रेंचाइजी देने का है। कंपनी खड़ी करने से लेकर कारोबार करने तक, अब तक जेताराम चौधरी ने घरवालों से किसी तरह का सहयोग नहीं लिया है। बैंक गारंटी समेत अन्य तमाम खर्च भी जेताराम ने खुद ही उठाए हैं। जेताराम के पिता रोडवेज बस में कंडक्टर का काम करते हैं।