जैविक खेती कर ये किसान 17 लाख से अधिक की करता है कमाई, भारत सरकार से मिल चूका है पद्म श्री सम्मान

Jobs Haryana, Organic farming केंद्र सरकार किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यह पर्यावरण के अनुकूल है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित नहीं होती है। हाल के वर्षों में जैविक उत्पादों की मांग में काफी बढ़ोतरी देखी गई है और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। ऐसे में किसानों
 

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केंद्र सरकार किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। यह पर्यावरण के अनुकूल है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित नहीं होती है। हाल के वर्षों में जैविक उत्पादों की मांग में काफी बढ़ोतरी देखी गई है और इसकी कीमत भी अच्छी मिलती है। ऐसे में किसानों को इससे काफी लाभ मिल रहा है और उनकी कमाई बढ़ रही है।

जैविक खेती से मेघायल के एक किसान 17 लाख रुपए तक कमाई कर रहे हैं। वे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन गए हैं। जैविक खेती के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए सरकार ने उन्हें पद्म श्री सम्मान दिया है।

मेघालय के रहने वाले नानादरो बी मारक जैविक तरीके से काली मिर्च की खेती करते हैं। इनका घर तृतिकिला ब्लॉक, पश्चिम गारो हिल्स जिले की धुंध भरी पहाड़ियों पर बसा है। इनके घर के आस पास जाने तेज हवाओं के साथ काली मिर्च की सुगंध आती है। नानादरो बी मारक को 1980 के दशक में ससुराल वालों की तरफ से 5 एकड़ खेत विरासत में मिले थे। आज इन खेतों में करीब साढ़े तीन हजार के आसपास काली मिर्च के पेड़ हैं।

61 वर्षीय नानादरो बी मारक ने पहली बार किरामुंडा किस्म की काली मिर्च लगाई थी। यह मध्यम आकार की होती है। वे बताते हैं कि शुरुआत में मैंने 10 हजार रुपए की लागत से खेती करनी शुरू की थी। पहली बार खेतों में 100 पेड़ लगाए थे। समय के साथ-साथ पेड़ों की संख्या बढ़ती गई।

इनके आसपास के किसान ज्यादा पैदावार के लिए रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते थे। इन सब के विपरीत नानादरो बी मारक ने खाद से परहेज किया और पर्यावरण के अनुकूल जैविक तरीके से खेती करने की ठान ली। शुरुआत में संसाधनों की कमी के चलते थोड़ी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन मारक ने कभी हार नहीं मानी और आगे बढ़ते गए।

राज्य के कृषि और बागवानी विभाग से मिली मदद और अपने अथक प्रयासों से मारक ने काली मिर्च की जैविक खेती को एक नया आयाम दिया। इनसे प्रेरणा लेकर जिले के किसानों ने बड़ी संख्या में जैविक तरीके से काली मिर्च के साथ ही अन्य मसालों की खेती शुरू की। वे सभी आर्थिक रूप से पहले के मुकाबले सशक्त हुए हैं। रासायनिक खादों के प्रयोग नहीं करने से प्राकृतिक रूप से संपन्न मेघालय की खूबसूरती को भी बरकरार रखने में मदद मिली है।

नानादरो बी मारक और उनके जिले के किसानों द्वारा जैविक तरीके से उगाई गई काली मिर्च की मांग पूरी दुनिया भर में है। 2019 में उन्होंने अपनी बागान में लगे काली मिर्च से 17 लाख रुपए की कमाई कर नया मुकाम हासिल किया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने और किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने नानादरो बी मारक को भारत सरकार ने पद्म श्री सम्मान से भी नवाजा है।

अधिक उपज की चाहत में किसान अत्यधिक रासायनिक खादों का प्रयोग कर रहे हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही खेत की उर्वरक शक्ति भी कम हो रही है। इतना ही नहीं, हाल के दिनों में आए कई शोध में कहा गया है कि भारी मात्रा में रासायनिक खाद, व कीटनाशकों के प्रयोग से पानी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है और उनमें स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों की मात्रा बढ़ रही है। इन्हीं वजहों से सरकार जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।