सिरसा में ब्लाइंड स्कूल का स्टाफ और बच्चे हड़ताल पर: चेयरमैन को हटाने की मांग, जानें पूरा मामला

 
हरियाणा के सिरसा में हेलेन केलर ब्लाइंड स्कूल में अनियमितताओं को लेकर स्कूल संघर्ष समिति ने सोमवार दोपहर लघु सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान संगठन अध्यक्ष व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी. विरोध प्रदर्शन में स्कूल स्टाफ के अलावा विद्यार्थी भी शामिल हुए। चेयरमैन को हटाने, स्टाफ को दोबारा नौकरी पर रखने और बच्चों को दोबारा दाखिला देने की मांग की जा रही है।

दृष्टि बाधितों के लिए हेलेन केलर स्कूल के प्रिंसिपल राजेश कुमार ने बताया कि 2014-2015 में रमता सोनी को स्कूल का चेयरमैन नियुक्त किया गया था. उस वक्त भी स्कूल में काफी विवाद हुआ था. इसके बाद उन्हें पद से हटा दिया गया. अब स्कूल अच्छे से चलने लगा था. लेकिन एक बार फिर रमता सोनी को कुछ समय के लिए स्कूल का चेयरमैन बनाया गया। जब से उन्हें चेयरमैन बनाया गया है, स्कूल में वही पुरानी स्थिति पैदा हो गयी है.

प्रिंसिपल ने लगाए ये आरोप

प्रिंसिपल राजेश ने दावा किया कि स्टाफ को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है। बिना कारण नाम काटकर बच्चों को घर भेजा जा रहा है। इतना ही नहीं, स्कूल में लंबे समय से बच्चों को पढ़ा रहे स्टाफ को अयोग्य बताकर नौकरी से निकाला जा रहा है।

प्रशासन के अधीन लाने की मांग

हेलेन केलर स्कूल संघर्ष समिति के सदस्यों की मांग है कि स्कूल को पहले की तरह जिला प्रशासन के अधीन किया जाये. जिन स्टाफ को बर्खास्त किया गया है उन्हें बहाल किया जाए और जिन बच्चों के नाम काटे गए हैं उन्हें दोबारा स्कूल में प्रवेश दिया जाए। उनकी मांग है कि चेयरमैन रमता सोनी को पद से हटाया जाए।

कहा कि स्कूल का माहौल खराब है

स्कूल में पढ़ने वाले छात्र सत्यम के पिता भागीरथ ने बताया कि उनका बच्चा सात साल से यहां पढ़ रहा है और स्कूल का स्टाफ भी बहुत अच्छा है, लेकिन पिछले कुछ समय से चेयरमैन की नियुक्ति के बाद से स्कूल का माहौल खराब हो गया है. ख़राब हो गया है. उन्होंने कहा कि यह परीक्षाओं का समय है, ऐसे में बच्चों को स्कूल से बाहर निकाला जा रहा है, तो वे अपनी पढ़ाई कैसे जारी रख पाएंगे.

चेयरमैन ने कहा- आरोप निराधार हैं

उधर, स्कूल चेयरमैन रमता सोनी का कहना है कि स्कूल से निकाले गए शिक्षक पवन ने स्कूल में चोरी की वारदातें की हैं। किसी को हटाना कमेटी का फैसला है, अकेले मेरा नहीं. यह सब राजनीतिक संरक्षण के कारण हो रहा है. आरोप निराधार हैं.