अब जमीन की रजिस्ट्री करवाना हुआ आसान, नहीं काटने पड़ेंगे तहसीलदार के चक्कर

 

1 नवंबर यानि हरियाणा दिवस के मौके पर मुयक्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रेस वार्त कर प्रदेशवासियों को कई सौगात दी।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री खट्टर ने संपत्ती रजिस्ट्रेशन को लेकर एख महत्तवपूर्ण घोषणा की जिससे आम जनता को होने वाली असुविधा कम होगी।

अब रजिस्ट्रेशन में होगी आसानी-

1 नवंबर से हरियाणा में एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट भी संपत्तियों की रजिस्ट्री कर सकेंगे। सरकार ने हर जिले में संपत्ति इत्यादि के हस्तांतरण दस्तावेजों के पंजीकरण की शक्तियां इन्हें सौंप दी हैं।

राज्य के सभी एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में नामित किया गया है। तहसीलदार और नायब-तहसीलदार संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में पहले ही तरह कार्य करते रहेंगे।

Plot Registration Haryana

1 नवंबर यानि हरियाणा दिवस के मौके पर मुयक्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रेस वार्त कर प्रदेशवासियों को कई सौगात दी।

इसी क्रम में मुख्यमंत्री खट्टर ने संपत्ती रजिस्ट्रेशन को लेकर एख महत्तवपूर्ण घोषणा की जिससे आम जनता को होने वाली असुविधा कम होगी।

अब रजिस्ट्रेशन में होगी आसानी-

1 नवंबर से हरियाणा में एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट भी संपत्तियों की रजिस्ट्री कर सकेंगे। सरकार ने हर जिले में संपत्ति इत्यादि के हस्तांतरण दस्तावेजों के पंजीकरण की शक्तियां इन्हें सौंप दी हैं।

राज्य के सभी एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में नामित किया गया है। तहसीलदार और नायब-तहसीलदार संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में पहले ही तरह कार्य करते रहेंगे।

आम जन को होगी सहूलियत-

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इससे आम जनता, विशेषकर किसानों और ग्रामीणों को काफी सहूलियत मिलेगी।

जिस जिले में संपत्ति स्थित है, वहां किसी भी स्थान पर इन अधिकारियों के कार्यालयों में जाकर रजिस्ट्री करा सकेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पास पंजीकरण की शक्तियां होने के कारण जनता की असुविधा खत्म होगी।

अधिकारियों की अनुपस्थिति से होती थी परोशानी-

चूंकि, कई बार ऐसा होता था कि लोग रजिस्ट्री के लिए कार्यालय में जाते थे और अधिकारी अनुपस्थित होता था।

अब ऐसे में एसडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट का विकल्प भी मौजूद रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से रजिस्ट्री के मामले भी लंबित नहीं रहेंगे। जमीन हस्तांतरण के पंजीकरण मामलों में तेजी आएगी।

साइबर डेस्क की हुई शुरूआत-

इसी दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के हर थाने में अब साइबर डेस्क खोला जाएगा। अगले वर्ष से सरकार हर जिले में साइबर थाना भी खोलेगी।

सीएम खट्टर का मानना है कि प्रदेश में सिबर अपराध बढ़ते जा रहे है, जिससे साइबर थाने की जरूरत बढ़ती जा रही है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इससे आम जनता, विशेषकर किसानों और ग्रामीणों को काफी सहूलियत मिलेगी।

जिस जिले में संपत्ति स्थित है, वहां किसी भी स्थान पर इन अधिकारियों के कार्यालयों में जाकर रजिस्ट्री करा सकेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पास पंजीकरण की शक्तियां होने के कारण जनता की असुविधा खत्म होगी।

अधिकारियों की अनुपस्थिति से होती थी परोशानी-

चूंकि, कई बार ऐसा होता था कि लोग रजिस्ट्री के लिए कार्यालय में जाते थे और अधिकारी अनुपस्थित होता था।

अब ऐसे में एसडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट का विकल्प भी मौजूद रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से रजिस्ट्री के मामले भी लंबित नहीं रहेंगे। जमीन हस्तांतरण के पंजीकरण मामलों में तेजी आएगी।

साइबर डेस्क की हुई शुरूआत-

इसी दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश के हर थाने में अब साइबर डेस्क खोला जाएगा। अगले वर्ष से सरकार हर जिले में साइबर थाना भी खोलेगी।

सीएम खट्टर का मानना है कि प्रदेश में सिबर अपराध बढ़ते जा रहे है, जिससे साइबर थाने की जरूरत बढ़ती जा रही है।