हरियाणा में किसानों के मुआवजा राशि में बढ़ोत्तरी, सीएम खट्टर ने किया ऐलान, जानिये अब कितना मिलेगा मुआवजा ?

 

हरियाणा में किसानों की खराब फसलों के मुआवजा राशि को बढ़ाने की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कर दी है। आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसानों को अब 12 हजार की बजाय 15 हजार रुपये मुआवजा राशि दी जाएगी। 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 75 से 100 फीसदी फसल के खराब होने पर दी जाने वाली मुआवजा राशि को 12 हजार प्रति एकड़ से बढाकर 15 हजार रुपये प्रति एकड़ कर दिया गया है। वहीं 10 हजार रुपये मुआवजा राशि को बढ़ाकर 12500 रुपये कर दिया गया है। इससे नीचे के सभी स्लैब में 25 फीसदी की बढोत्तरी की गई है। 

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में 2015 के बाद फसल खराब के लिए दिया जाने वाला मुआवजा बढ़ाया जाएगा। इसके लिए उच्च स्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। इसके बाद किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा मिलेगा। 

डिप्टी सीएम अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय फसल खराब होने पर 12 से 14 हजार रुपये मुआवजा प्रति एकड़ दिया जा रहा है। इसे किसान के खर्च और लागत को देखते हुए बढ़ाया जायगा। उन्होंने माना कि बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है, उनकी भरपाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 263 करोड़ रुपये की लागत से बनी आधुनिक करनाल सहकारी चीनी मिल का उद्धाटन किया। मुख्यमंत्री ने करनाल शुगर मिल में चीनी रिफाइनरी के संयंत्र का भी शुभारंभ किया। इसके अलावा मिल में 18 मेगावाट की विद्युत सह उत्पादन क्षमता का संयंत्र भी शुरू किया गया है। बाद में मुख्यमंत्री ने करनाल के गांव बीबीपुर जाटान में 3 करोड़ की लागत से बने 33 केवी सब स्टेशन का उद्घाटन किया।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने असंध विधानसभा क्षेत्र में असंध कॉलेज रोड पर 3 करोड़ की लागत से बने 33 केवी सब स्टेशन और नीलोखेड़ी विधानसभा क्षेत्र के तरावड़ी में 2 करोड़ 57 लाख रुपये की लागत से बने अग्निशमन भवन का उद्घाटन भी किया।
 

मुख्यमंत्री ने गांव झरोठी में किसानों के लिए अनेक घोषणाएं की और कहा कि वे स्वयं एक किसान के बेटे हैं। पूरा हरियाणा उनके परिवार के समान है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में अन्त्योदय की भावना से काम किया जा रहा है। हरियाणा किसानों की धरती है । किसान जब खुशहाल होता है तो दूकानदार, कर्मचारी, व्यापारी, कारखाना चलाने वाले लोगों को भी फायदा होता है।

उन्होंने कहा कि करोना काल में प्रदेश सरकार की ओर से किसानों को 16 हजार करोड़ रुपये दिए गए। 2015 में जब बारिश के कारण फसल खराब हुई थी तब किसानों के खाते में डेढ माह में खराबे का पैसा डाल दिया गया। पूर्व की सरकारों में दो, चार व 10 रुपये तक के चैक भी किसानों को दिए गए।

उन्होंने प्रदेश में जब सत्ता संभाली तो यह तय किया गया कि 500 रुपये से कम किसी भी किसान का चैक नहीं बनेगा। पूर्व की सरकारों में फसल खराबे के मुआवजे के प्रति एकड़ 5700 रुपये दिए जाते थे। बाद में 7500 किए गए। सरकार बनने पर हमने 12 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा तय किया ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के दर्द को समझते हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि दो एकड़ से कम जमीन में बुआई करने वाले किसानों की फसल का प्रीमियम प्रदेश सरकार वहन करेगी। दो से पांच एकड तक की बुआई करने वाले किसानों की जमीन की फसल बीमा किश्त आधी प्रदेश सरकार देगी तथा पांच एकड़ से अधिक बुआई करने वाले किसानों से उन्होंने अपील की कि वे अपना प्रीमियम स्वयं भरें क्योंकि वे सक्षम हैं।

उन्होंने कहा कि यह मुआवजा खेती करने वाले व्यक्ति को दिया जाएगा क्योंकि कई बार किसान दूसरों की जमीन लेकर उस पर खेती करते है, इसलिए ही यह व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर फसल की बुआई के 15 दिन या एक माह के अन्दर स्थानीय सीएससी पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा और वहां पर जाकर जिस खसरे और नम्बर की जमीन पर वह खेती कर रहा है उसको चढवाना होगा। उसके बाद ही वह किसान इस योजना का हकदार होगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2015 में लोगों की समस्याओं का स्थानीय स्तर पर ही निपटान करने के लिए सीएम विंडों की व्यवस्था की गई है। अब तक सीएम विंडों पर साढे 9 लाख शिकायतें आ चुकी है जिनमें से साढ़े आठ लाख समस्याओं का समाधान किया जा चुका है। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए 137 छोटे और 40 सीनियर सेकेंडरी माडल संस्कृति स्कूल खोले गए है। यहीं कारण रहा कि सरकारी स्कूलों में पिछली बार की बदौलत ढाई लाख बच्चे अबकी बार बढे है। अध्यापकों पर पढाने के लिए विशेष बल दिया गया है और इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। वर्तमान सरकार में नौकरियां मेरिट पर दी जा रही है और यहीं कारण है कि सामान्य घरों के बच्चे अच्छे पदों पर आ रहे है।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि वे गोहाना, जुलाना और खरखौदा हलके के गांवों का फसल खराबें को लेकर हवाई निरीक्षण कर चुके हैं। इसके बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि खेतों में से मिट्टी न उठवाएं। प्रदेश सरकार एक ऐसी योजना बना रही है जिसमें प्रदेश की एक लाख एकड़ ऐसी जमीन की मरम्मत की जाएगी जहां से मिट्टी उठवाई जा चुकी और जहां पर पानी भराव की समस्या स्थिति को खराब कर रही है। इस बारे में शीघ्र ही योजना बनाकर इसे लागू किया जाएगा। इसमें आधा खर्च सरकार वहन करेगी और आधा खर्च जमीन के मालिक को खुद देना होगा।

उन्होंने अपील की कि दिल्ली के नजदीक होने के कारण यहां सब्जी इत्यादि की संभावानएं ज्यादा है इसलिए लोग हरा चारा, बाग, सब्जी इत्यादि बोने पर जोर दे। सरकार से इस बारे पूरा सहयोग दिया जाएगा। वर्तमान में सरकार बागवानी पर 20 प्रतिशत और सुक्ष्म सिंचाई पर 85 प्रतिशत सबसीडी दे रही है। इसका लोग ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाए।

गांव के विकास को लेकर आ रही समस्याओं के निदान के लिए बनेगा पोर्टल

उन्होंने कहा कि किसी भी गांव में उसके विकास को लेकर अब ग्राम दर्शन पोर्टल पर गांव वालों की तरफ से सामुहिक सहमति पत्र अपलोड करना होगा और उस पर अपलोड होने के बाद उस विकास कार्य को संबंधित पंचायत समिति, जिला प्रशासन या प्रदेश सरकार द्वारा करवाया जाएगा। यही नहीं अगर वह विकास कार्य करवाने का काम केन्द्र सरकार से संबंधित होगा तो उस बारे केन्द्र सरकार के साथ पत्र व्यवहार कर उन समस्यों का निदान करवाया जाएगा।

उन्होंने खरखौदा खंड के लगभग 18 गांवों से संबंधित मांग पत्र पर बोलते हुए कहा कि प्रत्येक गांव के दो-दो रेवेन्यू रास्ते पक्के करवाए जाएंगे। गली स्टेडियम व्यायामशाला पीने के पानी इत्यादि से संबंधित उन्होंने करीब 30 करोड रुपये के विकास कार्यों को पूरा करवाने की घोषणा की और कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि इतनी बडी धनराशि की घोषणा किसी एक गांव में की है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में फसल खराबे के कारण जमीन पर खड़े पानी की निकासी के लिए 54 गांवों में 133 पम्प लगाए गए है। यहीं नहीं जो किसान अपने ट्रैक्टर से पानी निकालेगा उसे डीजल फ्री दिया जाएगा। उन्होंने भैयादूज त्योहार के मौके पर गांव झरोठी की महिलाओं को 50 हजार रुपये शगून के तौर पर देने की घोषणा भी की।