Black Tomato Farming: काले टमाटर की खेती से मालामाल होंगे किसान, औषधीय गुणों से है भरपूर, यहां जानें कैसे करें ये खेती 

 

Black Tomato Farming: भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश के किसान मुनाफा देने वाली फसलों की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा रहे है। बता दें करीब 55 से 60 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है। 

बहुत से किसान अलग अलग प्रकार की खेती करके लाखों-करोड़ों रुपये कमा रहे हैं। इस बीच आज ऐसी खेती के बारे में बताने जा रहे है जिसको करके आप भी अधिक मुनाफा कमा सकते है।

बता दें वह काले टमाटर की खेती है। बाजार में काले टमाटर की भी जबरदस्त मांग हो रही है। औषधीय गुणों से भरपूर काले टमाटर को लेकर आम लोगों में भी खासा आकर्षण बढ़ रहा है चलिए आईये इस खेती के बारे में पूरी जानकारी 

बता दें कि बाजार में लाल टमाटर के बाद काले टमाटर ने भी दस्तक दे दी है। अपनी एक अलग पहचान रखने वाले इस टमाटर को लोग हाथों हाथ ले रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी खासि‍यत यह है कि इसे कैंसर के इलाज में भी इस्तेमाल कि‍या जाता है। इसके अलावा भी यह टमाटर कई बीमारि‍यों से लड़ने में कारगर है।

काले टमाटर को अंग्रेजी में इंडि‍गो रोज़ टोमेटो कहा जाता है। इसकी सबसे शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी। इसकी खेती का श्रेय रे ब्राउन को जाता है। रे ब्राउन ने जेनेटिक म्यूटेशन के जरिए काले टमाटर को तैयार किया था। 

काले टमाटर की खेती में सफलता के बाद अब भारत में भी काले टमाटर ( Black Tomato ) की खेती शुरू हो चुकी है। इसे यूरोप के मार्केट में ‘सुपरफूड’ कहते हैं।

काले टमाटर के लिए जलवायु

इंडिगो रोज रेड और बैंगनी टमाटर के बीजों को आपस में मिलाकर एक नया बीज तैयार किया गया। जिसमें हाइब्रिड टमाटर पैदा हुआ। इंग्लैंड की तरह भारत की जलवायु भी काले टमाटर के लिए भी बेहतर है। इसकी खेती भी लाल टमाटर की तरह की जाती है। इस किस्म के टमाटर की खेती के लिए गरम जलवायु वाल क्षेत्र सही माना जाता है।

पौध ठंडे स्थानों पर विकसित नहीं हो पाते हैं। इसके खेती के लिए बहतर जल निकासी होना बहुत जरूरी है। वहीं जमीन का P.H. मान 6-7 के बीच होना चाहिए। इन पौधों में लाल रंग के टमाटरों के मुकाबले काफी देर बाद पैदावार होना शुरू होती है।

बुवाई का समय

बुवाई करने सा सही समय जनवरी महीने का होता है। सर्दियों के जनवरी महीने में इसकी बुवाई कर दें। जिससे मार्च-अप्रैल तक आपको काला टमाटर मिल सके।

खासियत

काला टमाटर में लाल टमाटर के मुकाबले अधिक औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसे लंबे समय तक ताजा रखा जा सकता है। अलग रंग और गुण होने के कारण इसकी कीमत बाजार में लाल टमाटर के मुकाबले अधिक है।

इन टमाटर में वजन कम करने से लेकर, शुगर लेवेल को कम करना, कोलेस्ट्रॉल घटाने तक में कारगर साबित पाया गया है। यह बाहर से काला और अंदर से लाल होता है। इसको कच्‍चा खाने में न ज्यादा खट्टा है न ज्यादा मीठा, इसका स्वाद नमकीन जैसा है।

कमाई

काले टमाटर की खेती में करीब उतना ही खर्च आता है। जितना लाल टमाटर की खेती में पैसा लगता है। काले टमाटर की खेती में सिर्फ बीज का पैसा अधिक लगता है। काले टमाटर की खेती में पूरा खर्चा निकालकर प्रति हेक्टेयर 4-5 लाख का मुनाफा हो सकता है। काले टमाटर की पैकिंग और ब्रांडिंग के जरिए मुनाफा और बढ़ जाएगा। पैकिंग करके आप इसे बड़े महानगरों में बिक्री के लिए भेज सकते हैं।