हरियाणा के पानीपत में दीवार फाड़कर निकली थी हनुमान जी की प्रतिमा, युद्ध में जाने से पहले अंग्रेज भी करते थे पूजा, इस मंदिर में हर भक्त की मन्नत होती है पूरी

 
क्या आप जानते हैं कि हरियाणा के पानीपत में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जो अंग्रेजों के राज के समय से बना है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यहां प्राचीन समय में दीवार को फाड़कर हनुमान जी की प्रतिमा अपने आप ही प्रकट हो गई थी। ये ही वजह है कि यहां आज भी रोजाना सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।

जानकारी के मुताबिक, इस मंदिर का नाम स्वयंभू प्रकटेश्वर हनुमान मंदिर है। यह पानीपत जिले के पचरंगा बाजार स्थित पूर्वी घाटी में स्थित है। मंदिर में रोजाना हरियाणा के कई जिलों से लोग  मन्नत मांगने भी आते हैं। मान्यता है जो भी इस मंदिर में आकर सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी हर मनोकमान पूरी हो जाती है। 

खबरों की मानें, तो मंदिर के पंडित देवनारायण शास्त्री ने बताया कि इस मंदिर में हनुमान जी को पान का भोग लगाने का बहुत महत्व है। अंग्रेजों की सेना जंग लड़ने से पहले या किसी भी मिशन पर जाने से पहले स्वयंभू हनुमान जी के दर्शन करने और माथा टेकने आती थी। एक अखबार की खबर की मानें, तो पंडित जी ने बताया कि मंदिर के नीचे एक सुरंग थी। मान्यता है कि सुरंग में नाग देवताओं का वास होता था। हालांकि, इस सुरंग को कुछ सालों पहले बंद करवा दिया गया था।