Haryana news : हरियाणा में एक साल तक नहीं बनेंगे नये जिले और तहसील, जानिए क्यों?

अगले एक साल तक हरियाणा में कोई नया जिला, तहसील या ब्लॉक बनने की संभावना नहीं है। राज्य सरकार ने जिलों, ब्लॉकों और तहसीलों के पुनर्निर्धारण के लिए कैबिनेट सब कमेटी को एक साल के लिए बढ़ा दिया है.
 

Haryana news : अगले एक साल तक हरियाणा में कोई नया जिला, तहसील या ब्लॉक बनने की संभावना नहीं है। राज्य सरकार ने जिलों, ब्लॉकों और तहसीलों के पुनर्निर्धारण के लिए कैबिनेट सब कमेटी को एक साल के लिए बढ़ा दिया है.

सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया
उम्मीद थी कि हरियाणा दिवस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में करनाल में कुछ नए जिले बनाने की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कई जन प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से नये जिले घोषित करने की पैरवी की, लेकिन सरकार ने नये जिले घोषित करने के बजाय कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल बढ़ा दिया है.

वर्तमान में हरियाणा में 22 जिले हैं

वर्तमान में हरियाणा में 22 जिले हैं। हाल ही में सरकार ने आठ नये उपमंडलों की घोषणा की थी, लेकिन इन्हें बने हुए छह माह से अधिक समय हो गया है. बताया जाता है कि इनकी अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई है। वित्त आयुक्त टीवीएसएन प्रसाद ने पत्र जारी कर कहा है कि राज्यपाल ने समिति का कार्यकाल एक साल बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.

समिति का गठन हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है

इस समिति को उप-मंडलों, तहसीलों, उप-तहसीलों के साथ-साथ ब्लॉक, पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन का कार्य सौंपा गया था। इस कमेटी को बने एक साल से ज्यादा हो गया है, लेकिन कमेटी में शामिल नेताओं और अधिकारियों ने अब तक इस दिशा में गंभीरता से काम नहीं किया है.

ये पांच जिले हरियाणा में बनने थे

प्रदेश में पांच जिले असंध, हांसी, डबवाली, मानेसर और गोहाना बनाने का प्रस्ताव है। ये जिले जनसंख्या के आधार पर भी बनाये जा सकते हैं. इन क्षेत्रों के जन प्रतिनिधि लगातार जिला बनाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि उम्मीद थी कि हरियाणा दिवस पर असंध और हांसी को जिला बनाया जा सकता है, लेकिन दोनों जिला नहीं बन पाए।

चुनाव के मद्देनजर नये जिलों का गठन नहीं किया जायेगा

हांसी और डबवाली वर्तमान में पुलिस जिले हैं। इसलिए इनके सामान्य जिले बनने में कोई ज्यादा बाधा नहीं है. अब इस कमेटी के सामने जन प्रतिनिधि अपना दावा पेश करेंगे, लेकिन चूंकि अगले साल लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में इस बात की संभावना बहुत कम है कि जल्द ही नई तहसीलों, उपमंडलों और जिलों का निर्धारण हो सकेगा.