हरियाणा में रात को बारिश के साथ गिरे ओले, किसानों के उड़े होश, इन जिलों में मौसम विभाग का येलो अलर्ट

 

Weather Alert: हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ के कारण 4 जिलों में शुक्रवार सुबह बूंदाबांदी हुई। अधिकतर जिलों में बादल छाए हुए हैं और मौसम विभाग ने आंधी तूफान और बूंदाबांदी का येलो अलर्ट जारी किया है।

 इससे पहले गुरुवार सांय भी हिसार व नारनौल क्षेत्र में कुछ स्थानों पर बारिश के साथ ओले गिरे। 20 मार्च तक प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से हवा या आंधी चलेगी। बादल छाए रहेंगे व हल्की से मध्यम स्तर पर बारिश होगी।

सुबह कहीं-कहीं गिरी बूंदें

IMD चंडीगढ़ ने जानकारी दी है कि पश्चिमी विक्षोभ और निचले स्तर पर हवाओं की अस्थिरता के चलते 17 मार्च को हरियाणा के अधिकतर हिस्सों में बारिश की गतिविधि चलेगी। 18 मार्च को इसमें वृद्धि होगी। कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। सुबह के समय कैथल, जींद, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत व आसपास के क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई।

रात को ये रहा हाल

गुरुवार देर शाम हिसार और नारनौल में ओले गिरे। हिसार के बहबलपुर व तलवंडी राणा गांव के क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई है। इस दौरान तेज हवा के कारण धरनारत ग्रामीणों का टेंट भी उड़ गया। वहीं नारनौल के नांगल चौधरी क्षेत्र के गांव रावता की ढाणी में भी ओले गिरने की सूचना है। ओलावृष्टि होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि वर्तमान में किसानों अपनी सरसों की फसल की कटाई कर रहे हैं।

इन जिलों में येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने हरियाणा के 18 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, नूंह, पलवल, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और चरखी दादरी में गरज चमक के साथ 3 दिनों तक कहीं-कहीं बारिश की संभावना जताई है।

फसलों में नुकसान की संभावना

मौसम में आए बदलाव का खेतों में पक कर तैयार खड़ी फसलों में भी बुरे असर की संभावना बनी हुई है। सरसों की जहां कटाई व झराई चल रही है और फसल मंडियों में भी सरकारी खरीद के इंतजार में है। वहीं गेहूं की फसल भी अब पक रही है और अंतिम स्टेज पर है। ऐसे में ओलों व बारिश से इन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

कृषि व मौसम विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे गेहूं की फसल में सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल फिलहाल कुछ समय के लिए स्थगित रखें। फसल की कटाई ना करें और कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें। इस दौरान तापमान में 4 डिग्री के आसपास गिरावट देखने को मिलेगी।