Chankya Niti: नौकरी में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वर्तमान और भविष्य दोनों हो जाएगा बर्बाद

 

Chankya Niti: आचार्य चाणक्य ने कार्यस्थल पर हमारा रवैया किस प्रकार का होना चाहिेए इसका जिक्र भी अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में किया है। जानें चाणक्य नीति के अनुसार कौन सी गलतियां नौकरी या व्यवसाय के लिए खतरे से कम नहीं हैं।

आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य ने घर-परिवार और समाज में कैसे जीवन व्यतीत करना है इस पर लोगों का पूरी जिंदगी मार्गदर्शन किया। उन्होंने न सिर्फ परिवार बल्कि कार्यस्थल पर हमारा रवैया किस प्रकार का होना चाहिेए इसका जिक्र भी अपने ग्रंथ चाणक्य नीति में किया है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को अपने कर्म पर जोर देकर भविष्य का मार्ग तय करना चाहिए। काम में कमी और इससे भागना जैसी गलतियां प्रोफेशनल ही नहीं निजी जीवन में भी दिक्कत पैदा कर सकती हैं।

जो व्यक्ति अपने काम और निजी जीवन में संतुलन बनाकर रखता है उससे कठिनाइयां जल्दी से तंग नहीं कर पाती हैं। जानें चाणक्य नीति के अनुसार कौन सी गलतियां नौकरी या व्यवसाय के लिए खतरे से कम नहीं हैं।

काम के प्रति गंभीर न होना

चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति किसी भी कार्य को करे किंतु उसे मन से करें। अगर वह किए जाने वाले कार्य से संतुष्ट नहीं है तो उसे हर समय मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आचार्य कहते हैं कि कार्य के प्रति गंभीर नहीं होने से हमारे और हमसे जुड़े लोगों के आज और भविष्य दोनों पर खतरा मंडराता रहता है। अपने काम को ही जीवन मानें क्योंकि इसी से जीवन को आसानी से जीने में मदद मिलती है।

दूसरों पर अंधा विश्वास

चाणक्य नीति कहती है कि चाहे आप नौकरीपेशा है या व्यवसाय करते हैं आपको दूसरों पर आंख मूंद कर विश्वास करने की भूल नहीं करनी चाहिए। अंधा विश्वास आपको मुसीबत में डाल सकता है। ये सत्य है कि साथ काम करने वालों पर विश्वास रखना आवश्यक है किंतु अंधभक्त बनकर भरोसा करना एक तरह की मूर्खता है।

अवसर को छोड़ना

आज के समय में प्रतिस्पर्धा अधिक बढ़ गई है और अगर आप प्रतिभा को दिखाने का मौका गंवाते हैं तो ये आपके जीवन की सबसे बड़ी भूल साबित हो सकती है। नौकरी और व्यवसाय में हर अवसर का फायदा उठाएं और पूरी मेहनत के साथ इसमें अपना बेस्ट दें। इस तरह के मौकों पर आलस करना आपको काफी भारी पड़ सकता है।