Black Wheat Farming: अमीरों के इस शौक से किसान हो रहे मालामाल...जानिए काले गेहूं की रोटी क्यों खा रहे हैं ये लोग?

 

Black Wheat Farming: आपने अब तक जो भी गेहूं खाया और देखा होगा वो हल्के भूरे रंग का होगा. भारत के बाजारों में भी आपको अक्सर यही गेहूं देखने को मिलेगा. 

हर साल देश के लाखों करोड़ों किसान यही भूरा गेहूं लगाते हैं और तैयार होने के बाद इसे बाजार में बेचते हैं. लेकिन आजकल काले गेहूं की डिमांड बाजार में तेजी से बढ़ी है, खासतौर से अमीरों के बीच ये गेहूं काफी ज्यादा लोकप्रिय है. इसकी लोकप्रियता ऐसी है कि लोग इसे बाजार में आने से पहले खेत से खरीद ले रहे हैं. 

वैज्ञानिकों की ओर से विकसित किया गया गेंहू

ये काला गेहूं वैज्ञानिकों की ओर से विकसित किया गया है. पंजाब के मोहाली का नैशनल एग्री फ़ूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट यानी नाबी इस गेहूं को दुनिया के सामने पहली बार लेकर आया।

यहां के वैज्ञानिकों ने काले गेहूं के अलावा नीले और जामूनी रंग के गेहूं की भी खोज की है. हालांकि, काले गेहूं की डिमांड बाजार में ज्यादा है. इस गेहूं की खेती की बात करें तो इसे बिल्कुल आम गेहूं की तरह ही बोया जाता है और पूरा प्रोसेस भी सेम होता है. 

पौधे से लेकर बालियां आने तक यह एक आम गेहूं की तरह ही दिखेगा. यानी सब कुछ हरा हरा, लेकिन जैसे ही गेहूं की बालियां सूखने लगती हैं, उसमें मौजूद गेहूं हरे से काला हो जाता है.

अब आपको मन में ये सवाल आ रहा होगा कि गेहूं काला कैसे होता है। दरअसल, इसके पीछे साइंस है. गेहूं का रंग काला इसलिए होता है क्योंकि इस गेहूं में एक खास प्रकार का पिगमेंट पाया जाता है, जो इस फसल के रंग को बदल देता है. 

इस पिगमेंट को कहते हैं एंथोसायनिन. एंथोसायनिन की सबसे अनोखी बात ये होती है कि ये जिस भी किसी फल, फूल या खाद्य पदार्थ में पाया जाता है वो उसके रंग को गहरा कर देता है.

यानी इसकी मात्रा जिस चीज में जितनी ज्यादा होगी, वह चीज उतनी ही ज्यादा गहरे रंग की दिखेगी. सामान्य गेहूं में ये 5 पीपीएम जितनी होती है, जबकि काले गेहूं में ये 100 से 200 पीपीएम तक होती है.अब किसान इससे क्यो मालामाल हो रहे है इसके पीछे की वजह आपको बताते है और आखिर क्यों अमीर इसे खाने में खूब इस्तेमाल कर रहे है।

दरअसल, इस गेहूं में मौजूद पोषक तत्व इसे खास बनाते हैं. इसमें भारी मात्रा में जिंक, आयरन, प्रोटीन और स्टार्च पाया जाता है. यहां तक की इसमें अकेला आयरन 60 फीसदी होता है. कहा जाता है कि ये गेहूं हमें कैंसर, डायबटीज, तनाव, दिल की बीमारी और मोटापा जैसी समस्याओं से निजात दिलाता है.यही वजह है कि अमीर अपने हेल्थ को सही सलामत रख सकें।