Weather Update: हरियाणा समेत इन राज्यों में कमजोर हुआ मानसून, जानिए फिर कब होगी बारिश? देखें मौसम अपडेट 

Haryana Weather Update: हरियाणा के केवल तीन जिलों अंबाला, यमुनानगर और फरीदाबाद में सामान्य से कम जबकि 19 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।
 

Haryana ka Mausam: पिछले एक महीने से उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों और मैदानी राज्यों राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, एनसीआर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लगातार मानसून गतिविधियां दर्ज की गई। कहीं हल्की तो कहीं मूसलाधार बारिश देखने को मिली। हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई है।

राजकीय महाविद्यालय नारनौल ( हरियाणा ) के पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि इस मानसून सीजन में हरियाणा में अब तक 268.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है जाे सामान्य से 24% अधिक है। हरियाणा के केवल तीन जिलों अंबाला, यमुनानगर और फरीदाबाद में सामान्य से कम जबकि 19 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है।

कल हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में हल्की बिखराव वाली बारिश देखने को मिली जबकि आने वाले दो-तीन दिनों तक हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में आंशिक बादलवाही और सिमित स्थानों पर केवल बिखराव वाली बारिश हो सकती है। मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, एनसीआर व दिल्ली और उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में मानसून हल्का सुस्त बने रहने की संभावना है।

5 अगस्त से मानसून फिर सक्रिय हो सकता है। वर्तमान में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ ने मानसून की पुर्वी हवाओं को मध्य भारत की तरफ धकेल दिया है जिस कारण सम्पूर्ण इलाके में मानसून गतिविधियों में कमी आएगी। मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, एनसीआर दिल्ली और उत्तरी राजस्थान, व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वर्तमान में उत्तर पश्चिम/पश्चिम व दक्षिण पश्चिमी हवाएं चल रही हैं।

जिस कारण ताजा बादलों का फूटाव और निर्माण नही हो रहा,इसलिए यहां फिर से मौसम साफ, गर्म और उमस भरा बना हुआ है। परंतु जल्द ही दो-तीन दिनों बाद एक बार दोबारा दक्षिणी पुर्वी नमी वाली हवाओं का रूख मैदानी राज्यों पर हो जाएगा जिस कारण सम्पूर्ण मैदानी राज्यों में फिर से बारिश हो सकती है।

उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में मौजूद पश्चिमी विक्षोभ नेपाल की तरफ आगे बढ़ चुका है, साथ ही हवाओं से बना एक प्रेरित चक्रवातीय सरकुलेशन आज पूर्वी उत्तरप्रदेश पर बना हुआ है। साथ ही एक अन्य ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी पाकिस्तान पर मौजूद है।

पूर्वी उत्तरप्रदेश पर मौजूद चक्रवातीय सरकुलेशन कल से पश्चिमी राजस्थान की और बढ़ेगा जिससे राजस्थान में कल और परसों बारिश हो सकती है, साथ ही हरियाणा में कुछ स्थानों पर बिखराव वाली बारिश की संभावना है।

आने वाले दो-तीन दिनों बाद इसी चक्रवातीय सरकुलेशन के कारण मानसून टर्फ रेखा को बंगाल की खाड़ी से आने वाली दक्षिणी पूर्वी नमी वाली पवनों को फिर से गति मिलेगी और इन सभी मौसम प्रणालीयों द्वारा 5 से 10 अगस्त के दौरान उत्तरी मैदानी राज्यों पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर मानसून को बढ़ावा मिलेगा।

हालांकि वर्तमान समय में बंगाल की खाड़ी पर एक के बाद एक कमजोर लो प्रेशर एरिया बन रहे हैं परन्तु उनका प्रभाव भारत के मध्य और पश्चिमी राज्यों उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दक्षिणी राजस्थान और गुजरात पर ज्यादा देखने को मिलेगा। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में 8 अगस्त से एक सक्रीय लो प्रेशर एरिया बनना शुरू होगा। जिस कारण उत्तर भारत में दक्षिणी पुर्वी हवाओं का फैलाव और प्रसार और अधिक हो जाएगा।