VIP नंबर : हरियाणा में अब आप भी ले सकते हैं अपने वाहनों के लिए वीआइपी नंबर, सरकारी गाड़ियों के लिए अलग सीरीज जारी 

हरियाणा में अब सीएम और मंत्रियों की गाड़ियों के नंबर आपकी गाड़ी पर भी दिखेंगे। वाहन नहीं होने पर भी आप वीआइपी नंबर खरीद सकते हैं। हालांकि 90 दिन में वाहन लेना अनिवार्य होगा। सरकारी वाहनों के लिए अलग सीरीज जारी की गई है। 
 

चंडीगढ़। हरियाणा में वीआइपी कल्चर खत्म करने में जुटी प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों सहित आला अधिकारियों के पास रहने वाले वीआइपी नंबर अब आम आदमी भी खरीद सकेगा। हालांकि इसके लिए उन्हें ई-नीलामी में शामिल होना पड़ेगा जिसके लिए उन्हें संबंधित वीआइपी नंबर के लिए आरक्षित मूल्य या फिर इससे अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी।

परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क ने संशोधित पालिसी की अधिसूचना जारी कर दी है। खास बात यह कि वाहन नहीं होने पर भी कोई व्यक्ति ई-नीलामी में शामिल होकर खास नंबर अलाट करा सकता है। हालांकि संबंधित व्यक्ति को नंबर अलाट होने के तीन महीने के अंदर वाहन लेना अनिवार्य है, अन्यथा अलाट नंबर को वापस ले लिया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार के किसी सदस्य को वीआइपी नंबर हस्तांतरित करना चाहता है तो दो हजार रुपये की फीस चुकानी होगी।

हर किसी को अपने वाहन पर वीआइपी नंबर प्लेट लगाने का शौक होता है। इसी शौक के चलते कई बार लोग वाहन से ज्यादा खर्च नंबर खरीदने में कर देते हैं। पहले हर सीरीज में एक से सौ नंबर तक सरकारी वाहनों के लिए आरक्षित थे जिससे आम लोग इन नंबरों को लेने की सोच भी नहीं सकते थे।

साल की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आदेश जारी कर दिए थे कि परिवहन अथारिटी के वीआइपी नंबरों पर अब नेताओं और अफसरों का अधिकार नहीं रहेगा। उन्होंने खुद अपने काफिले में शामिल सरकारी गाड़ियों से 0001 नंबर हटा दिया था, जिसके बाद मुख्य सचिव संजीव कौशल ने भी अपनी गाड़ी से 0001 नंबर हटा दिया। प्रदेश में कुल 179 गाड़ियों पर 0001 नंबर था जिन्हें अब आम लोगों को इस्तेमाल के लिए दिया जाएगा।

0001 नंबर की न्यूनतम कीमत पांच लाख रुपये

वाहनों के लिए 0001 नंबर की रिजर्व प्राइस पांच लाख रुपये रखी गई है। अगर एक से अधिक लोग इसी नंबर के लिए आवेदन करते हैं तो ई-आक्शन के जरिये अधिक बोली लगाने वाले व्यक्ति को यह नंबर मिलेगा। 0002, 0007 व 0009 नंबर का आरक्षित मूल्य डेढ़ लाख रुपये और 0003 से 0006 और 0008 नंबर का आरक्षित मूल्य एक लाख रुपये रखा गया है।

सरकारी वाहनों के लिए होगी अलग नंबर सीरीज

सरकारी वाहनों के लिए अलग सीरीज जारी की गई है। कई विभागों ने नई नंबर प्लेट लगाने का काम भी शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी वाहनों को यूनिक नंबर जारी किए हैं जिनमें रजिस्ट्रेशन नंबर के बीच में जीवी (GV) यानी सरकार लिखा हुआ है। नंबर प्लेट पर रजिस्ट्रेशन नंबर देखकर ही सरकारी वाहनों की पहचान की जाएगी। गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर वही रखे गए हैं, लेकिन इसमें जीवी जोड़ दिया गया है।