संसद में निरहुआ ने अपने पहले ही भाषण से खींचा सबका ध्यान, उठाया ये गंभीर मुद्दा

निरहुआ की इस बात का उनके साथी सांसद और भोजपुरी एक्टर मनोज तिवारी ने भी समर्थन किया है
 
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल करने वाले भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव के लिए  2 अगस्त का दिन बहुत खास रहा दिनेश लाल यादव  ने   संसद में पहली बार अपना संबोधन दिया। इस दौरान कई अहम मुद्दे उठाए

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में भाजपा के टिकट पर जीत हासिल करने वाले भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव के लिए  2 अगस्त का दिन बहुत खास रहा है। उन्होंने मंगलवार को संसद में पहली बार अपना संबोधन दिया। इस दौरान कई अहम मुद्दे उठाए। भाजपा सांसद में लोकसभा में बोलते हुए कहा कि यह बहुत ही अफसोस की बात है कि भोजपुरी भाषा को अब तक संवैधानिक दर्जा नहीं मिल सका है।

संसद में क्या कहा निरहुआ ने?

अपने पहले संबोधन में निरहुआ ने भोजुपरी भाषा पर बोलते हुए कहा कि इस पर 18 बार प्राइवेट मेंबर बिल आने के बावजूद भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि यह भाषा 16 देशों में बोली जाती है फिर भी इसे अभी तक दर्जा प्राप्त नहीं हो सका है। उन्होंने भोजपुरी में बोलते हुए कहा, 'अब हो जाए...अब हमनी के सब कोई इह विषय पर बात तानी जा... हम लोग मिलकर व्यक्तिगत तौर पर भी इसके लिए आग्रह कर चुके हैं। बाकी देश में सम्मान मिल रहा तो अपने देश में क्यों नहीं।'

मनोज तिवारी ने किया समर्थन

निरहुआ की इस बात का उनके साथी सांसद और भोजपुरी एक्टर मनोज तिवारी ने भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा पहली बार साल 1967 में उठाया गया था। सांसद ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री पी चिंदबरम ने आश्वासन भी दिया था लेकिन अब तक यह नहीं हो सका है। उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने इसका निदान निकाला है। सरकार ने उन भाषाओं को मान्यता देनी शुरू कर दी है जो विदेशों में बोली जाती है। उन्होंने उम्मीद जताई की जल्द ही भोजपुरी बोलने वाले लोगों को खुशखबरी मिल सकती है।