Moosewala Murder: लॉरेंस ही है मास्टरमाइंड, हत्या से पहले भाई अनमोल और सहयोगी को फर्जी पासपोर्ट पर भेजा था विदेश 

Sidhu Moosewala Murder: अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस प्रमोद बान ने कहा कि मूसेवाला हत्याकांड में बिश्नोई, कनाडा स्थित गोल्डी बराड़ और प्रियव्रत फौजी मुख्य रूप से हत्या में शामिल थे। अब तक इस हत्या के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 
 
 
 

पंजाब के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स) प्रमोद बान ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने स्वीकार किया है कि वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मास्टरमाइंड था और पिछले साल अगस्त से हत्या की साजिश रच रहा था। प्रमोद बान ने कहा कि एक अन्य आरोपी बलदेव उर्फ निक्कू को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है।

क्या है पंजाब पुलिस का दावा: अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस प्रमोद बान के मुताबिक, जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने अपने भाई अनमोल बिश्नोई, उनके करीबी सहयोगी सचिन थापन और खुद को बचाने के लिए एक सुनियोजित साजिश बनाई थी, ताकि वह और उसके सहयोगियों का नाम किसी भी तरह से सिद्धू मूसेवाला की हत्या से न जुड़े। प्रमोद बान ने कहा कि लॉरेंस ने उन्हें विदेश इसलिए भेज दिया ताकि वह मूसेवाला की हत्या की साजिश को अंजाम तक पहुंचा सके।

बनवाए गए थे फर्जी पासपोर्ट: पंजाब के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस प्रमोद बान ने कहा कि लॉरेंस ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए उसने अपने भाई अनमोल बिश्नोई और सचिन थापन के लिए फर्जी पासपोर्ट बनवाए और फिर हत्या से पहले उन्हें विदेश भेज दिया। बान के मुताबिक, फर्जी विवरणों के साथ बनवाए गए यह पासपोर्ट क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, दिल्ली द्वारा जारी किए गए थे।

कौन है अनमोल और सचिन थापन: अनमोल बिश्नोई (लॉरेंस बिश्नोई का भाई) का आपराधिक इतिहास रहा है, उस पर 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, वह जोधपुर जेल में बंद था, जहां से उसे 7 अक्टूबर, 2021 को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। जबकि लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी सचिन थापन पर 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। अनमोल बिश्नोई व सचिन थापन दोनों ने फर्जी विवरण के आधार पर पासपोर्ट हासिल किया था।

पासपोर्ट जारी करने के मामले में होगी जांच: अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई द्वारा पूछताछ के दौरान किए गए खुलासों के आधार पर लॉरेंस और उसके साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 465, 466, 471, 120बी, पासपोर्ट अधिनियम धारा 12 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत अलग से मामला दर्ज किया गया है। साथ ही फर्जी विवरणों पर पासपोर्ट जारी करने वालों अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

25 मई को ही मूसा गांव पहुंच गए थे शूटर: अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस प्रमोद बान कहा कि शार्प शूटर गायक की हत्या से चार दिन पहले 25 मई को मानसा जिले के मूसेवाला के गांव पहुंच गए थे। साथ ही हत्या से पहले कम से कम तीन बार रेकी की गई थी। बान ने कहा कि “हम यह जानने के लिए फॉरेंसिक करवा रहे हैं कि सिद्धू मूसेवाला को मारने के लिए किन हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।”