Common KYC: बैंक ग्राहकों के ल‍िए व‍ित्‍त मंत्री का बड़ा ऐलान, नए साल में म‍िलेगी यह खुशखबरी 

RBI: इस दिशा में काम क‍िया जा रहा है क‍ि ग्राहक की तरफ से एक बार अपना केवाईसी जमा क‍िए जाने के बाद उसका इस्तेमाल विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए कई बार किया जा सके. 

 

kyc: सरकार और र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) की तरफ से बैंक और अन्‍य व‍ित्‍तीय संस्‍थानों के ग्राहकों के ल‍िए नई-नई योजनाएं बनाए जाती रहती हैं. सरकार की तरफ से उठाए जाने वाले इन कदमों से ग्राहकों की सहूल‍ियत बढ़ती है. अब सरकार की तरफ से एक और प्‍लान‍िंग की जा रही है, ज‍िससे आने वाले समय में बैंक ग्राहकों और व‍ित्‍तीय संस्‍थानों के ग्राहकों को राहम म‍िलेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अलग-अलग वित्तीय संस्थानों के बीच लेनदेन को आसान बनाने के लिए एकसमान 'अपने ग्राहक को जानो' (KYC) को लागू करने की दिशा में काम चल रहा है. 

एक बार KYC जमा करने पर कई बार हो सकेगा यूज 
इसका काम नए साल में पूरा होने की उम्‍मीद है. सीतारमण ने फिक्की लीड्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक ही केवाईसी (KYC) का विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए इस्तेमाल किए जाने की व्यवस्था लागू करने की दिशा में लगातार प्रयास जारी हैं. उन्होंने कहा, एक केंद्रीय संग्राहक है जो केंद्रीय केवाईसी का ध्यान रखता है. अब हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि ग्राहक की तरफ से एक बार अपना केवाईसी जमा कर दिए जाने के बाद उसका इस्तेमाल विभिन्न वित्तीय संस्थानों में लेनदेन के लिए कई बार किया जा सके. 

हर बार अलग केवाईसी नहीं देना होगा 
इस व्‍यवस्‍था के लागू होने के बाद आपको हर बार अलग संस्थानों में लेनदेन के लिए अपना केवाईसी नहीं देना होगा. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े नियामक सभी को एक मंच पर लाने के लिए प्रयास क‍िया जा रहा है, जिससे कारोबारी सुगमता बढ़ाने में मदद मिलेगी. बैंकिंग, बीमा एवं पूंजी बाजारों में एकसमान केवाईसी के इस्तेमाल के मुद्दे पर पिछले सप्ताह वित्तीय नियामकों एवं वित्त मंत्री की बैठक में चर्चा हुई थी. 

यूपीआई लेनदेन को एक अरब पर पहुंचाने का इरादा 
साझा केवाईसी होने से आम आदमी के लिए विभिन्न सेवाओं के लिए अलग-अलग कागज जमा करने की बाध्यता खत्म होगी. सीतारमण ने कहा कि यूपीआई के जरिये लेनदेन जुलाई में बढ़कर 10.62 लाख करोड़ रुपये हो गया जबकि 6.28 अरब लेनदेन किए गए. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में रोजाना होने वाले यूपीआई लेनदेन की संख्या को बढ़ाकर एक अरब पर पहुंचाने का इरादा है.