Cement - Sariya : अब घर बनाना हुआ आसान, सरिये, सीमेंट व अन्य सामग्री की कीमतों में बड़ी गिरावट 

 

नई दिल्ली :- बारिश की वजह से देश के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी बारिश से जलजमाव की समस्या पैदा हो गई है. इसका सीधा असर निर्माण गतिविधियों पर पड़ रहा है. बारिश और बाढ़ के कारण निर्माण गतिविधियां कम होने से सीमेंट, सरिया जैसी सामग्री की कीमतों में भी कमी आई है. ऐसे में अपना घर बनवाना हर किसी आम- आदमी का सपना होता है. परंतु इस महंगाई के दौर में आम- आदमी हिम्मत नहीं जुटा पाता है. पर अब सरिया की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिससे आम- आदमी की जेब पर काम भार पड़ेगा. तो आप ये मौका नहीं छोड़े और लपक कर पकड़ ले इस मौके को. 

इन कारणों से घटे सरिया के दाम 

सरकार ने स्टील पर एक्सपोर्ट ड्यूटी हाल ही में बढ़ा दी थी. इसकी वजह से घरेलू बाजार में स्टील के दाम तेजी से गिरे हैं. सरिये के दाम में आई कमी की मुख्य वजह भी यही है. दरहसल, Export Duty के बढ़ाने से सरिया कंपनियों का विदेशों में सामान बेचना महंगा हो गया और उन्हें देश के अंदर Supply बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा, जिसके कारण पिछले 2 महीनों में इसकी कीमतों में गिरावट आई है. साथ ही कई हिस्सों में भारी बारिश होने की वजह से निर्माण गतिविधियों में कमी आई है. आपको बता दें कि सिर्फ लोकल ही नहीं बल्कि ब्रांडेड सरिया की कीमतें 1 लाख रुपये प्रति टन से घटकर 80-85 हजार रुपये प्रति टन हो गई हैं. 

इतने रुपए टन सस्ता हुआ सरिया 

इस समय अगर आप घर का निर्माण शुरू करते हैं तो आपको सरिया पर प्रति टन 30 हजार रुपये तक का लाभ मिल सकता है. इस समय देश में सबसे सस्ता सरिया कोलकाता और पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में उपलब्ध हैं. वहीं दूसरी ओर यूपी के कानपुर में सरिया की कीमतों में भारी गिरावट आई है. इस्पात मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल अप्रैल में टीएमटी सरिए का खुदरा भाव 82 हजार रुपये प्रति टन पर पहुंच गया था, जो अब धीरे-धीरे घटकर 50-55 हजार रुपये प्रति टन हो गया है. देश के अलग-अलग हिस्सों में भी इसकी कीमतों में गिरावट आई है. 

फिर हो सकता है सरियों की कीमतों में इजाफा 

यदि आप एक घर बनाने की योजना बना रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप अभी से ही सरिए को खरीद कर रख लें, क्योंकि नवरात्रों के बाद मानसून भी खत्म हो चुका होगा, तभी सरियों की कीमतों में एक बार फिर इजाफा हो सकता है. दरहसल बात ये है मानसून के जाने के बाद देश में बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधियां शुरू होंगी, जिससे देश में सरिए की मांग में तेजी आएगी.