IAS success story: राजस्थान में बिश्नोई समुदाय की पहली महिला आईएएस, जानें संघर्ष से लेकर सफलता तक की कहानी

 

आज हम आपको राजस्थान की एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, जो भाई न होने पर उसे ताने देती थी। आज यह लड़की एक आईएएस अधिकारी है, वर्तमान में एसडीएम, गंगटोक, सिक्किम के पद पर तैनात है। जिसका नाम आईएएस परी बिश्नोई है।

आईएएस परी बिश्नोई नोखा, बिकारनेर, राजस्थान की रहने वाली हैं। उनके पिता एक वकील और मां एक पुलिस अधिकारी हैं। जबकि परी के दादा अपने ही गांव में चार बार सरपंच रह चुके हैं। बता दें कि आईएएस परी बिश्नोई अपने बिश्नोई समुदाय की पहली महिला आईएएस अधिकारी हैं। परी बिश्नोई की दो बहनें हैं।


आईएएस परी बिश्नोई जल्द ही शादी के बंधन में बंधने जा रहे हैं। उन्होंने हाल ही में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के पोते और विधायक कुलदीप बिश्नोई के बेटे भाव्या बिश्नोई से सगाई की। भव्य बिश्नोई की यह दूसरी सगाई है और परी बिश्नोई की पहली। भव्य बिश्नोई हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं।
 
आईएएस परी बिश्नोई ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की है। इसके बाद वह दिल्ली चली गईं और दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में प्रवेश लिया। जहाँ से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई की।

बता दें कि आईएएस परी बिश्नोई बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज रही हैं। यूपीएससी से पहले उन्होंने नेट-जेआरएफ की परीक्षा पास की थी। जिससे उन्हें प्रोफेसर बनने का मौका मिला, लेकिन परी आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं। इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 30वीं रैंक हासिल की।

आईएएस परी बिश्नोई ने एक बार बताया था कि लोग उन्हें और उनके माता-पिता को इसलिए ताने मारते थे कि उनका कोई भाई नहीं था। कि अगर वह लड़का होता तो उसका नाम आज पूरी दुनिया में मशहूर होता।