IAS STORY : देश की पहली ऐसी महिला आईएएस अफसर जिसको जॉइनिंग लेटर के साथ मिला था निलंबित लेटर

आजाद भारत की पहली महिला आईएएस अफसर अन्ना राजम मल्होत्रा थी, 91 साल की उम्र में उन्होंने जीवन की आखिरी सांस ली, इनकी मौत साल 2018 में हुई थी।
 

IAS STORY : आजाद भारत की पहली महिला आईएएस अफसर अन्ना राजम मल्होत्रा थी, 91 साल की उम्र में उन्होंने जीवन की आखिरी सांस ली, इनकी मौत साल 2018 में हुई थी। अन्ना का जन्म 17 जुलाई, 1924 में केरल के एर्नाकुलम जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। अन्ना राजम मल्होत्रा बचपन से पढ़ने में काफी तेज थी।

उन्होंने स्कूल की पढ़ाई करने के बाद चेन्नई के मद्रास यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। उसके बाद उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करनी शुरु कर दी थी और अजाद देश के पहले बेच साल 1951 में वह भारतीय सिविल सेवा (IAS) में शामिल हो गई। उस समय उन्होंने देश के सबसे कठीन परीक्षा को पास करके दिखाया जिस समय महिला इस सब के बारे में सोच नहीं सकती थी।

नौकरी के लिए किया मना

अन्ना जब सिविल सर्विस के इंटरव्यू में पहुंची वहा एक बोर्ड मेमर ने इन्हें कहा की आप इस लाइन में मत आए। इस दौरान उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन अन्ना ने कभी भी किसी की बात का दबाव नहीं माना और वो आगे बढ़ती गई।

लेटर के साथ मिला था निलंबित लेटर

जब वो सिविल सर्विसेज के लिए चुनी गई तो उनके जॉइनिंग लेटर पर लिखा था- 'आपकी शादी होने पर आपको निलंबित किया जा सकता है.' लेकिन वो इससे देखकर परेशान नहीं हुईं। उन्होंने सर्विस जॉइन की और कुछ समय बाद नियम बदला तो उन्होंने अपने बैचमेट आरएन मल्होत्रा से शादी कर ली।

दो प्रधानमंत्री के साथ भी काम किया

अन्ना राजम IAS बनने बाद अपनी सर्विस के दौरान उन्होंने दो प्रधानमंत्री और 7 मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया। जिसमें उन्होंने पीएम इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के साथ काम किया। जब देश में एशियाई खेलों का आयोजन हुआ था उस वक्त उन्होंने प्रभारी के रुप में शानदार काम किये थे, उन्होंने कुछ समय तक केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी सेवाएं दी।