Metro in Chandigarh: अब ट्राइसिटी की रफ्तार को बढाएगी मेट्रो...चंडीगढ़,पंजाब और हरियाणा को सौगात

 

Metro in Chandigarh: मोहाली-पंचकूला और चंडीगढ़ में मेट्रो चलाने की चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा से मंजूरी मिल गई है। गुरुवार को पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पंजाब की मंत्री अनमोल गगन मान समेत दोनों राज्यों के मुख्य सचिव व अन्य की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें सभी ने ट्राइसिटी में मेट्रो चलाने को मंजूरी दे दी। हालांकि हरियाणा ने मेट्रो स्टेशन को लेकर कई सुझाव दिए हैं जबकि पंजाब ने एक हफ्ते का समय मांगा है।

ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए लिया फैसला

चंडीगढ़ समेत ट्राइसिटी में बढ़ रहे ट्रैफिक जाम को खत्म करने के लिए रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (राइट्स) ने एक कंप्रहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) बनाया है। इसमें मेट्रो चलाने, कई जगह फ्लाईओवर-अंडरपास बनाने, कई किमी साइकिल ट्रैक, कई बस स्टैंड, मल्टीलेवल पार्किंग समेत कई सुझाव दिए हैं। गुरुवार को चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा ने इस रिपोर्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। 

रिपोर्ट के अनुसार ट्राइसिटी में दो फेज में मेट्रो और तीन फेज में अन्य सभी काम पूरे करने हैं। मेट्रो का कुल खर्च 7680 करोड़ रुपये प्रस्तावित है लेकिन हरियाणा के सुझाव के बाद कई मेट्रो स्टेशन बढ़ जाएंगे। इससे मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ जाएगी। हालांकि राइट्स के सभी सुझावों को लागू करने में केंद्र सरकार, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के करीब 10,570 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें 60 फीसदी पैसा केंद्र और 40 फीसदी चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा देंगे।

हरियाणा के सीएम ने दिया चंडीगढ़ और जीरकपुर से पिंजौर-कालका से जोड़ने का सुझाव

मेट्रो स्टेशन को लेकर बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरफ से कई सुझाव दिए गए। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ और जीरकपुर से पिंजौर-कालका को जोड़ा जाए और इसे पहले फेज में शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही पंजाब-हरियाणा सचिवालय, विधानसभा, हाईकोर्ट, एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थानों को पहले फेज में ही मेट्रो से जोड़ा जाए।

बैठक में हाउसिंग बोर्ड चौक से पंजाब यूनिवर्सिटी और पीजीआई के लिए रूट बनाने का भी सुझाव दिया गया है क्योंकि रोजाना हजारों लोग अपने काम के लिए पीजीआई जाते हैं। इसके अलावा मेट्रो के विस्तार में घग्गर नदी और नए पंचकूला के इलाकों को भी शामिल करने और एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए मेट्रो का वैकल्पिक रूट बनाने का सुझाव दिया गया।

सीएमपी के कामों की निगरानी के लिए बनेगा यूएमटीए
बैठक में यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की स्थापना पर भी सहमति बनी है जो सीएमपी के तहत अगले कई वर्षों तक चलने वाले कामों की निगरानी करेगा। यह एक एकीकृत मंच होगा, जिसमें भारत सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के हितधारकों को शामिल किया जाएगा। यह अथॉरिटी विभिन्न राज्यों के विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने का भी काम करेंगे।

15 दिन में केंद्र को भेजेंगे प्रस्ताव

राइट्स की रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद अब आगे का काम शुरू किया जाएगा। हरियाणा सरकार ने जो सुझाव दिए हैं उन्हें शामिल किया जाएगा। पंजाब की तरफ से भी एक हफ्ते में सुझाव आ जाएंगे। प्रशासन की कोशिश रहेगी कि 15 दिन में केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव को भेज दिया जाए। - धर्मपाल, सलाहकार, यूटी प्रशासक।

सबसे पहले सेक्टर-26 मंडी से आईएसबीटी पंचकूला तक चलेगी मेट्रो

राइट्स की रिपोर्ट के अनुसार मेट्रो दो फेज में चलाने की बात कही गई है। फेज-एक में सेक्टर-26 की ग्रेन मार्केट चौक से पंचकूला आईएसबीटी तक करीब 18 किलोमीटर का ट्रैक बिछाने का प्रस्ताव है। इसके बाद सेक्टर-43 आईएसबीटी से जीरकपुर तक 20 किलोमीटर का ट्रैक होगा। इसके बाद दूसरा फेज शुरू होगा। इसमें आईएसबीटी पंचकूला से पंचकूला एक्सटेंशन तक साढ़े चार किमी तक मेट्रो चलेगी फिर एयरपोर्ट चौक से गांव सनेटा तक मेट्रो जाएगी। इस ट्रैक की लंबाई करीब साढ़े पांच किलोमीटर होगी।

शॉर्ट टर्म प्लान जंक्शन सुधार, नई बस खरीदने और मल्टी लेवल पार्किंग बनाने की बात
राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में शॉर्ट, मीडियम और लांग टर्म के लिए कई सुझाव दिए हैं। शॉर्ट टर्म के सुझावों को लागू करने के लिए पांच साल का समय दिया गया है। इसमें वर्तमान इंटरसेक्शन और जंक्शन सुधार, उच्च घनत्व बस कॉरिडोर, नई बस खरीद, बस टर्मिनल सुधार, मल्टी लेवल पार्किंग स्थल का प्रावधान, गैर मोटर चालित परिवहन (एनएमटी) के लिए योजनाएं, साइकिल ट्रैक का प्रावधान, फुटपाथ का सुधार जैसे कई सुझाव दिए हैं। ये भी बताया है कि इन सुधारों को कहां-कहां जरूरत है।

मीडियम और लॉन्ग टर्म प्लान: मेट्रो और नए लिंक रोड बनाने का सुझाव
राइट्स ने मीडियम टर्म और लॉन्ग टर्म में चंडीगढ़ समेत मोहाली और पंचकूला में बड़ी परियोजनाओं को पूरा करने का सुझाव दिया है। इसके लिए वर्ष वर्ष 2037 और वर्ष 2052 तक का लक्ष्य रखा गया है। इसमें मास रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर सिस्टम यानि मेट्रो, समर्पित बस कॉरिडोर, बस टर्मिनल व डिपो, नए लिंक रोड बनाने, पार्किंग सुविधाएं समेत कई कामों को पूरा करने की बात कही गई है। सबसे ज्यादा खर्च इसी प्लान में आने वाला है।

दो फेज में ऐसे बनेगी मेट्रो (प्रस्तावित)

  
शहर फेज-1 (किमी) फेज-2 (किमी) कुल (किमी)
चंडीगढ़ 14.5 -- 14.5
पंचकूला 3.5 4.5 8.0
मोहाली 20.0 5.5 25.5
कुल 38   10 48


                               मेट्रो का खर्च (प्रस्तावित)

शहर फेज-1 (वर्ष 2037 तक) फेज-2 (वर्ष 2052 तक)  कुल
चंडीगढ़ 2320 करोड़ ---       2320 करोड़
पंचकूला 560 करोड़       720 करोड़ 1280 करोड़
मोहाली 3200 करोड़ 880 करोड़ 4080 करोड़