Haryana News: हरियाणा के स्कूलों में बनेगी नई प्रबंधन कमेटी, नाम होगा सांझी सभा 

हरियाणा के सभी स्कूलों में अब नई स्कूल प्रबंधन कमेटी (SMC) का गठन किया जाएगा। जिसे अबकी बार सांझी सभा नाम दिया गया है। इसके लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के जिला परियोजना समन्वयक और खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है। 
 

Haryana News: हरियाणा के सभी स्कूलों में अब नई स्कूल प्रबंधन कमेटी (SMC) का गठन किया जाएगा। जिसे अबकी बार सांझी सभा नाम दिया गया है। इसके लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिलों के जिला परियोजना समन्वयक और खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा है। 

आपको बता दें कि सांझी सभा 17 से 22 जुलाई के बीच में सभी स्कूलों में बनाई जाएगी। हर स्कूल में प्रबंधन समिति का 2 साल में पुनर्गठन होना है। पिछली बार 16 जुलाई 2021 के पत्र के मुताबिक एसएमसी का गठन किया गया था। जुलाई में इनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। अब स्कूलों में समितियों का पुनर्गठन 31 मार्च 2025 तक के लिए किया जाएगा

स्कूल प्रबंधन समिति में पदेन सदस्यों के अलावा सदस्य

1- 1 से 300 स्टूडेंट्स- 12 सदस्य

2- 301 से 500 स्टूडेंट्स- 16 सदस्य

3- 501 या इससे अधिक स्टूडेंट्स- 20 सदस्य

समिति में सदस्यों की संख्या

1- स्टूडेंट्स के माता-पिता- 12 सदस्यों में से 8, 16 सदस्यों में से 12 औऱ 20 सदस्यों में से 16

2- नगर पालिका या पंचायत के निर्वाचित सदस्य- 1

3- स्कूल के टीचर- 2

4- शिक्षा के क्षेत्र से सामाजिक कार्यकर्ता- 1


पदेन सदस्य

1- स्कूल के प्रधानाचार्य, मुख्य अध्यापक या सीनियर टीचर (जहां मुख्य अध्यापक नहीं हो)- 1

2- ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (BRP) या असिस्टेंट ब्लॉक रिसोर्स कोर्डिनेटर (ABRC)- 1


सदस्यों के चयन की प्रक्रिया

BRP या ABRC एसएमसी के पदेन सदस्य होंगे। इनका नाम सांझी सभा में होने के एक सप्ताह के भीतर जिला परियोजना समन्वयक की ओर से स्कूलों को भेज दिया जाएगा। जहां पर स्कूल के प्रधानाचार्य या मुख्य अध्यापक नहीं है। वहां स्कूल का सीनियर टीचर प्रबंधन समिति का पदेन सदस्य होगा। वहीं स्कूल के शिक्षकों में से 2 सदस्य शिक्षकों की ओर से तय किए जाएंगे। स्टाफ मीटिंग में सभी स्टाफ को समिति की भूमिकाओं जिम्मेदारियों व महत्व के बारे में बताया जाए। सांझी सभा से कम से कम 3 दिन पहले सबकी सहमति से दो सदस्यों का चयन किया जाएगा।

माता-पिता या अभिभावकों के प्रतिनिधि की बात करें तो समिति के गठन के दिन स्टूडेंट्स के माता पिता के अलावा संरक्षकों को स्कूल में बुलाया जाएगा। प्रधानाचार्य या मुख्य अध्यापक एसएमसी की जानकारी अभिभावकों को देंगे। इसके बाद विद्यार्थियों के माता-पिता या अभिभावकों से नामांकित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। नामांकन की संख्या पदों से अधिक है तो उपस्थित माता-पिता सर्वसम्मति से या हाथ उठाकर समर्थन से निर्णय ले सकते हैं। एसएमसी के सदस्य पहली बैठक में माता-पिता या अभिभावक सदस्यों में से एक अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का चयन करेंगे

स्थानीय प्राधिकरण प्रतिनिधि की बात करें तो नगर पालिका या ग्राम पंचायत के निर्वाचित सदस्य समिति का सदस्य होंगे। निर्वाचित सदस्य ना होने पर उनका चुनाव होने के उपरांत सदस्य को शामिल किया जाएगा, तब तक पद रिक्त रहेगा। स्कूल मुख्य अध्यापक स्थानीय प्रतिनिधियों से संपर्क करके समिति को सांझी सभा से 3 दिन पहले सूचित करके एक सदस्य नामित करने के लिए कहेंगे

समाज सेवक की बात करें तो एक सदस्य शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ा सामाजिक कार्यकर्ता होगा। सामाजिक कार्यकर्ता स्वयं को इस पद के लिए नामांकित कर सकते हैं या अन्य भी। सांझी सभा से 3 दिन पूर्व इस सदस्य का चयन किया जाएगा समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या संयोजक की बात करें तो  विद्यालय प्रबंधन समिति में चुने हुए माता-पिता आपस में एक अध्यक्ष व एक उपाध्यक्ष को सर्वसम्मति से निर्वाचित करेंगे। स्कूल प्रधानाचार्य, मुख्य अध्यापक या सीनियर टीचर समिति के पदेन सदस्य संयोजक होंगे।