Haryana Board Exam: हरियाणा बोर्ड अब करेगा ऑनलाइन मार्किंग, रि-चेकिंग की संभावना होगी कम

 

हरियाणा बोर्ड की ओर से परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्ती के साथ-साथ अब परीक्षा परिणाम तैयार करने में भी सख्ती और पारदर्शिता बरती जा रही है। 

अब बोर्ड की ओर से ऑनलाइन मार्किंग शुरू की गई है। इससे जहां परिणाम जल्दी जारी हो सकेगा, वहीं परिणाम तैयार करते समय अनियमितता की संभावना भी कम होगी। ऐसे में रि-चेकिंग के मामलों में गिरावट आएगी।

इससे यह होगा कि अंतिम परिणाम में ही मेरिट आदि की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। 

हाल ही में हुई पूरक परीक्षाओं में ऑनलाइन मार्किंग को ट्रायल के रूप में लिया गया था।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड मुख्य रूप से 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं के साथ डीएलएड की परीक्षाओं का संचालन कर उनका परिणाम तैयार करता है। 

अब तक परीक्षा के बाद परिणाम तैयार करने में लगभग 40 दिन का समय लगता था, लेकिन इस प्रणाली से परिणाम एक माह में ही तैयार कर दिया जाएगा। 

इससे विद्यार्थी को 12वीं के बाद आगे की कक्षाओं में दाखिले के लिए अधिक समय मिल सकेगा।

गलतियों की संभावना रहेगी कम
अब तक शिक्षक समूहों में मार्किंग करते हैं। ऐसे में गलतियां होने की आशंका रहती थी। अब आशंका कम होगी। अब शिक्षक का पूरा ध्यान मार्किंग में रहेगा। कई बार बच्चे सही प्रश्न का जवाब अधिक बार दे देते थे, अब कंप्यूटर एक सवाल का एक ही बार जवाब स्वीकार करेगा।

इसी प्रकार शिक्षक मार्किंग करते समय निर्धारित अंकों से ज्यादा अंक नहीं दे पाएंगे। यानी अगर कोई प्रश्न तीन या पांच अंक का है तो इसके इतने से ज्यादा अंक नहीं दिए जा सकेंगे।

स्टीक तैयार होगा परिणाम
नई व्यवस्था में उत्तर पुस्तिकाओं का अंकन कार्य करने के लिए शिक्षकों को अब हार्ड कॉपी नहीं बल्कि कंप्यूटर पर साफ्ट काॅपी दी जाएगी। इसमें ऑनलाइन ही मार्किंग की जाएगी। 

इसके लिए प्रत्येक अंकन कार्य करने वाले शिक्षक की अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड होगा। जिसके जरिए वह मूल्यांकन केंद्र पर उत्तर पुस्तिका अंकन का कार्य ऑनलाइन ही करेगा। 

सबसे अहम बात तो यह भी होगी कि उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन किस समय शुरू किया और कब बंद हुआ। उसका टाइम भी दर्ज होगा। साथ ही ऑनलाइन अंकन में प्रत्येक प्रश्न के अंकों का जोड़ भी उत्तरपुस्तिका जांच के बाद ऑटोमेटिक टोटल में दर्ज होगा।

बोर्ड की परीक्षाओं के बाद सभी उत्तर पुस्तिकाओं को शिक्षा बोर्ड मुख्यालय की गोपनीय शाखा में लाया जाएगा। जहां से उन उत्तरपुस्तिकाओं की स्कैनिंग कराई जाएगी। 

स्कैनिंग के बाद साॅफ्टवेयर में उन्हें अपलोड कर मूल्यांकन केंद्रों पर बैठे शिक्षकों को ऑनलाइन मार्किंग के लिए भेजा जाएगा। 

डिजिटल मार्किंग कार्य के लिए मूल्यांकन कार्य करने वाले शिक्षकों को इसका प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिसके बाद मूल्यांकन कार्य करना आसान होगा।

- राजपाल चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी