Chandigarh Solar Plant: यहां लगा उत्तर भारत का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर प्लांट, जानिए क्या है खासियत

 

Chandigarh Solar Plant: ब्‍यूटीफुल शहर चंडीगढ़ इस समय सोलर एनर्जी पर ज्‍यादा फोकस कर रहा है। यही कारण है कि यहां के सरकारी भवनों से लेकर लेक तक में सोलर प्‍लांट लगाए जा रहे हैं। इस शहर ने सोलर एनर्जी में एक और सफलता हासिल की है।

चंडीगढ़ के सेक्टर 39 स्थित वाटर वर्क्स में उत्तर भारत का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर प्लांट लगाया गया है। इस 2MWp क्षमता वाले सोलर प्‍लांट का उद्घाटन सोमवार को चंडीगढ़ के प्रशासक बलवारी लाल पुरोहित ने किया। इसके अलावा उन्‍होंने आज धनसा लेक में लगे 500kWp के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का भी उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल, सांसद किरण खेर और साईंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के सेक्रेटरी देवेंद्र दलई भी मौजूद रहे।

प्रशासक बलवारी लाल पुरोहित ने कहा कि सोलर एनर्जी पर निर्भता लगातार बढ़ाई जा रही है। इन दोनों सोलर प्‍लांट से शहर को बहुत फायदा होने वाला है। 2MWp क्षमता वाला सोलर प्‍लांट 28 मीलियन यूनिट इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करेगा। साथ ही पानी पर पैनल लगे होने के कारण इस प्रोजेक्ट से सालाना करीब 382 मीलियन लीटर वाष्पीकरण कम होगा। साथ ही इस प्रोजेक्‍ट से एक बड़ा फायदा यह होगा कि, पानी के कूलिंग इफेक्ट के कारण यह प्रोजेक्ट दूसरे सभी प्रोजेक्ट से ज्यादा बिजली पैदा करेगा। एडवाइजर धर्म पाल ने बताया कि ये दोनों प्रोजेक्ट पानी पर हैं, इससे शहर की करीब आठ एकड़ बेशकीमती जमीन की बचत हुई है।

बिजली के खर्चे से मुक्त होगा वन विभाग

धनसा लेक पर लगाए गए सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का उपयोग वन विभाग करेगा। इस सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली से वन विभाग अपने सभी ऑफिसों को रोशन करेगा। अधिकारियों ने बताया कि इन पैनलों को लगाने के अलावा इस लेक को खूबसूरत बनाने के लिए यहां पर तीन फव्वारे भी लगाए जा रहे हैं। इससे लेक में ऑक्सीजन की मात्रा बरकरार रहेगी।

तेजी से किया जा रहा काम

बता दें कि, चंडीगढ़ में सोलर पैनल लगाने का कार्य इस समय बहुत तेजी से किया जा रहा है। शहर के लगभग सभी सरकारी ऑफिसों और स्कूलों की छतों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। इसके अलावा 200 गज से बड़े सभी मकानों पर भी सोलर पैनल लगाने का निर्देश दिया गया है। चंडीगढ़ प्रशासन की योजना शहर को बिजली के मामले में आत्‍मनिर्भर बनाना है।