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UPSC: आयशा और तुषार की मिस्ट्री हुई सोल्व, प्रीलिम्स में भी दोनों हुए थे फेल...यहां जानें जालसाजों की पूरी कहानी

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UPSC: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा में कथित रूप से चयन का दावा करने वाले दो उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक ऐक्शन लेने की तैयारी कर रहा है। सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए थे।

मध्य प्रदेश और  हरियाणा से जुड़ा मामला

यह मामला आयशा मकरानी (मध्य प्रदेश से) और तुषार (हरियाणा से) से संबंधित है। यूपीएससी द्वारा शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया, ''दोनों व्यक्तियों के दावे झूठे हैं। उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में फेक डॉक्युमेंट्स बनाए हैं।'' बयान में कहा गया कि ऐसा करके, मकरानी और तुषार दोनों ने केंद्र सरकार (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) द्वारा नोटिफाई सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। इसलिए परीक्षा नियमों के प्रावधानों के अनुसार, यूपीएससी दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ उनके धोखाधड़ी के कृत्यों के लिए आपराधिक और अनुशासनात्मक दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है।

यूपीएससी साफ किया...

यूपीएससी ने दावा किया है कि उसका सिस्टम मजबूत होने के साथ-साथ पूरी तरह चाक चौबंद है और ऐसी गलतियां संभव नहीं हैं। यूपीएससी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए हर साल तीन चरणों-प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है।

प्रीलिम्स परीक्षा में भी फेल

आयोग ने कहा कि सलीमुद्दीन मकरानी की बेटी आयशा मकरानी, जिसने यूपीएससी द्वारा अपने अंतिम चयन की सिफारिश का दावा किया है, पाया गया है कि उसने अपने पक्ष में दस्तावेजों से जालसाजी की। आयशा मकरानी का वास्तविक रोल नंबर 7805064 है। उसने 5 जून, 2022 को आयोजित प्रीलिम्स परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन पेपर-एक में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर-दो में 21.09 अंक प्राप्त किए। 

कट-ऑफ मार्क्स से भी कम मिले अंक


यूपीएससी ने आगे कहा, ''परीक्षा नियमों की जरूरत के अनुसार, उसे पेपर- दो में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। वह न केवल पेपर-दो में क्वालीफाई करने में विफल रही है, बल्कि पेपर-एक के कट-ऑफ मार्क्स से भी कम अंक प्राप्त किए हैं। कट-ऑफ मार्क्स वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनारक्षित वर्ग के वास्ते 88.22 अंक थे।'' बयान में कहा गया कि इसलिए, आयशा मकरानी प्रीलिम्स परीक्षा के चरण में ही विफल हो गई और परीक्षा के अगले चरण में आगे नहीं बढ़ सकी। यूपीएससी के मुताबिक दूसरी ओर, रोल नंबर 7811744 वाले नजीरुद्दीन की बेटी आयशा फातिमा वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अंतिम परिणाम में 184वां रैंक हासिल किया है। 

तुषार के मामले की  सच्चाई


इसी तरह, हरियाणा के रेवाड़ी के बृजमोहन के पुत्र तुषार के मामले में, उसने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2022 के लिए आवेदन किया था और इस परीक्षा के लिए उसे रोल नंबर 2208860 आवंटित किया गया था। यूपीएससी ने कहा कि वह प्रीलिम्स परीक्षा में शामिल हुआ और उसने सामान्य अध्ययन के पेपर-एक में माइनस 22.89 अंक और सामान्य अध्ययन के पेपर-2 में 44.73 अंक हासिल किए।

परीक्षा नियमों के अनुसार, उन्हें पेपर-दो में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी। बयान में कहा गया कि इस प्रकार, तुषार भी प्रीलिम्स परीक्षा के चरण में ही विफल हो गया और परीक्षा के अगले चरण में आगे नहीं बढ़ सका। बयान में कहा गया, ''दूसरी ओर, यह पुष्टि की जाती है कि बिहार के निवासी अश्विनी कुमार सिंह के पुत्र तुषार कुमार, जिनका रोल नंबर 1521306 है, वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 44 वां रैंक हासिल किया है।'' 

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